सुप्रीम कोर्ट में लंबित पुरानी याचिकाओं का अब होगा निस्तारण, ऐसे 300 मामलों की सुनवाई अक्टूबर से होगी शुरू…

शीर्ष अदालत में लंबित इन सभी दशकों पुराने मामलों में कई ऐसे मामले हैं जिनके त्वरित निस्तारण को लेकर कई बार कई मुख्य न्यायधीशों द्वारा चिंता जाहिर की गई थी. सूचीबद्ध किए गए मामलों में साल 1985 में पर्यावरण कार्यकर्ता और वकील एमसी मेहता द्वारा दायर एक जनहित याचिका भी शामिल है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने बुधवार को बेहद महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. देश की सर्वोच्च अदालत में लंबित पड़े मामलों की त्वरित निस्तारण को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने अक्टूबर महीने से 300 सबसे पुराने मामलों की सुनवाई लिए सूची जारी करने के आदेश दिए.

दरअसल, ये सभी 300 पुराने मामले साल 1979 के है और इनमें से करीब दो दर्जन मामले 1990 से 2000 के बीच के हैं. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा बुधवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई. अधिसूचना के मुताबिक, “300 सबसे पुराने मामले जिनकी सूची नीचे संलग्न है, मंगलवार, 11 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले गैर विविध दिनों में अदालतों के समक्ष सूचीबद्ध होने की संभावना है.”

शीर्ष अदालत में लंबित इन सभी दशकों पुराने मामलों में कई ऐसे मामले हैं जिनके त्वरित निस्तारण को लेकर कई बार कई मुख्य न्यायधीशों द्वारा चिंता जाहिर की गई थी. सूचीबद्ध किए गए मामलों में साल 1985 में पर्यावरण कार्यकर्ता और वकील एमसी मेहता द्वारा दायर एक जनहित याचिका भी शामिल है जो लगभग 37 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट की फाइलों के नीचे दबी रही.

इनमें से अधिकांश मामले ऐसे भी हैं जिनकी ससमय सुनवाई ना होने के कारण बेमानी हो चुके हैं या प्रासंगिकता खो चुके हैं. इन याचिकाओं की शीघ्र सुनवाई को लेकर कई बार अपील भी की गई बावजूद इसके ये याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लम्बित मामलों के आंकड़ों में लगतार जुड़ती गईं और अपनी प्रासंगिकता खोती रहीं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 1 सितंबर 2022 तक शीर्ष अदालत में कुल 70,310 मामले लंबित थे. बहरहाल, CJI का यह फैसला पुराने मामलों और संविधान पीठ के मामलों की न्यायिक प्रणाली को बंद करने के उनके प्रयासों की निरंतरता में बेहद अहम निर्णय है.

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