जनप्रतिनिधि सरकारी योजनाओं की बिखेर रहें धज्जियां, सभी जगह हो रही बंदरबॉंट

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की तमाम तरह की कवायद में जुटे हैं लेकिन सरकारी मशीनरी और जनप्रतिनिधि मिलकर सीएम योगी की मंशा पर कुठाराघात कर रहे हैं।

डेस्क: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की तमाम तरह की कवायद में जुटे हैं लेकिन सरकारी मशीनरी और जनप्रतिनिधि मिलकर सीएम योगी की मंशा पर कुठाराघात कर रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा, ऐसा ही एक मामला बांदा जिले से सामने आया है, जहां गांव की सरकार यानी ग्राम पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। सरकारी योजनाओं की यहां धज्जियां बिखेरी जा रही हैं, गरीबों को आवास तक मुहैया नहीं है, तो वहीं गौशालाओं में गोवंश के नाम पर भी बंदरबांट जारी है। यहां हालात इतने बदतर हैं की मिनी सचिवालय में सरकारी दस्तावेजों के बजाय भूसा भरा हुआ है और ग्रामीणों को अपनी समस्याएं लेकर ब्लॉक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

इस वीडियो में आप गांव में बदहाली के जो नजारे देख रहे हैं यह बांदा के कमासिन विकासखंड के ग्राम पंचायत चकरेही का है, जहां अनियमितताओं का बोलबाला है। यहां निर्माण कार्य से लेकर आवास शौचालय आवंटन तक और गौशाला से लेकर राशन की दुकानों तक गांव की सरकार यानी ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यहां भ्रष्टाचार के दीमक ने गौशालाओं तक को खोखला कर रखा है। ग्राम पंचायत के पशुबाड़े में चरही निर्माण में भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर धन का बंदरबांट किया जा रहा है तो वही गौशालाओं में गोवंश के रखरखाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है।

यहां गौशाला में ग्रामीणों के मुताबिक आए दिन रखरखाव के अभाव में और बिना भूसे के दम तोड़ देते हैं और जिन्हें अमानवीय तरीके से ट्रैक्टर में बांधकर घसीटते हुए फिकवा दिया जाता है तो वही आंगनवाड़ी के सामने निर्माण कार्य का फर्जी काम दिखा कर हजारों रुपए का बंदरबांट किया गया है। चकरेही ग्राम पंचायत में सचिवालय में बने प्रधान कक्ष रोजगार सेवक का पंचायत सहायक कक्ष में भूसा भरा हुआ है जिसके चलते ग्रामीणों को अपनी छोटी-छोटी समस्याएं लेकर कमासिन विकासखंड जाना पड़ता है। इस गांव के बाशिंदों के मुताबिक यहां पर लोगों को प्रधानमंत्री आवास भी मयस्सर नहीं है बल्कि ग्राम प्रधान रेखा ने अपने चहेतों को आवास आवंटित करवाए हैं और जरूरतमंदों के नाम लिस्ट से ही कटवा दिए गए हैं। ग्रामीणों की माने तो वर्तमान ग्राम प्रधान रेखा के पति पिछली पंचवर्षीय में ग्राम प्रधान रहे हैं और इन दोनों के कार्यकाल में गांव में कोई कार्य नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कभी इनकी अनियमितताओं की शिकायत की जाती है तो ब्लॉक स्तर पर मामले को दबा दिया जाता है।

इस मामले में जब खंड विकास अधिकारी कमासिन अमित कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने टालमटोल और रटा रटाया जवाब दिया है बीडीओ कमासिन का कहना है कि गौशाला की रिपोर्ट डॉक्टरों ने सही दी है और निर्माण कार्य में सचिव से जांच कराई जाएगी, पंचायत घर में भूसा भरवाने की बाबत बीडीओ अमित कुमार का कहना है कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच कराई जाएगी और अगर ऐसा पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Back to top button