पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजक्ट ब्लैक राइस की खेती करने वाले बदहाल, एफपीओ ने काला धान बेंचने के बाद भी किसानों को नहीं किया भुगतान

रिपोर्ट : रविकांत सिंह रवि

चंदौली : चंदौली जिले के सैयदराजा से सपा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने शुक्रवार को नवीन मंडी समिति में काला धान की खेती करने वाले किसानों के साथ बैठक किया और उनके दर्द को सुना। किसानों ने बताया कि काला धान बेंचने के बाद एक एफपीओ के द्वारा किसानों का भुगतान नहीं किया गया। किसानों की बात सुनने के बाद पूर्व विधायक ने अफसरों और एफपीओ के लोगों को एक सप्ताह में किसानों के उपज का भुगतान करने का सुझाव दिया। चेताया कि अगर ऐसा नहीं किया तो वह किसानों के साथ आंदोलन करने को बाध्य होगे। इसके बाद सदर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर किसानों की मांगों से अवगत कराया.

उन्होने कहा कि काला धान की पहचान को जिला प्रशासन ने जिले की पहचान से जोड़कर इसे देश ही नहीं विश्व पटल पर ख्याति प्राप्त कराने का काम किया गया। एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत जिले के अधिकारियों ने किसानों को प्रेरित करने इसकी खेती को अपनाने का आह्वान किया गया। अफसरों का तर्क दिया कि काला धान की खेती करने वाले किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिलेगी। इन्हीं उम्मीदों व आकांक्षाओं के साथ किसानों ने जोरशोर से पूरे उत्साह के साथ काला धान की खेती किया। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि काला धान की फसल सिवान से कटकर खलिहान तो पहुंची, लेकिन बड़े-बड़े दावों के विपरीत जिला प्रशासन व शासन ने इसकी खरीद करने में हाथ खड़े कर दिए.

वही आपको बता दे कि अधिकांश किसानों के धान आज भी उनके घरों में पड़े हैं, वहीं 1200 कुंतल काला धान मंडी में खरीदार के इंतजार में आज भी है। किसानों की उम्मीदें व आशाएं आज भी जिला प्रशासन पर टिकी है, लिहाजा किसानों से जुड़ी चन्द जायज मांगों पर अफसरों को विचार करना चाहिए। कहा कि एफपीओ के द्वारा किसानों के चार सौ कुंतल धान की खरीद का भुगतान कराया जाय। इसके अलावा किसानों का काला धान खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित की जाय। अगर ऐसा नहीं होगा तो किसानों के सहयोग से आंदोलन किया जाएगा.

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