
Desk: विधान सभा सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र में हंगामें के आसार हैं. माना जा रहा है कि सदन में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरनें की तैयारी में है. वहीं सरकार का कहना है विपक्ष को समय न जाया करते हुए एक सार्थक चर्चा करे. वही कल विपक्ष के नेता अखिलेश यादव पैदल ही अपने विधायकों और समर्थकों के साथ सदन पहुंचने का प्रयास किए थे लेकिन प्रशाशन ने उनको रोक लिया. पुलिस का कहना था कि सपा प्रमुख अपने विधायकों के साथ जा सकते हैं लेकिन इसके अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को जाने की अनुमति नही है.
विपक्ष को धरना-प्रदर्शन की अनुमति न देने के मामले का जिक्र करते हुए बसपा सुप्रीमों ने ट्वीट कर सरकार निशाना साधा है. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नें विपक्ष को धरना-प्रदर्शन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के आंदोलन समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरा है. मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है. साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक.
1. विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक।
— Mayawati (@Mayawati) September 20, 2022
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब माँगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, बीएसपी की माँग. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है.