
मंगलवार को संसद पहुंची सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा है कि “ये हमारा है.” पत्रकारों के सवाल पर सोनिया गांधी ने इस बिल पर एक तरह से समर्थन की सहमति जताई है लेकिन ये भी कहा है की ये हमारा है. सोमवार को महिला आरक्षण बिल को यूनियन कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. एक तरफ जहां यह बिल महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर केंद्र सरकार के इस बिल पर सियासत शुरु है चुकी है.
महिलाओं को लेकर केंद्र सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक होने जा रहा है. जाहिर है कि इस फैसले को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ मचने वाली है. इसकी सुगबुगाहट भी शुरु हो चुकी है. सोमवार को ही सदन के विशेष सत्र के दौरान एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा था कि पहली महिला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कांग्रेस से थीं और यह कानून भी कांग्रेस द्वारा ही लाया गया था.
इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेंश ने ट्वीट कर महिला आरक्षण को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए प्रयासों की एक टाईलाईन सांझा की गई. जयराम रमेश ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी.