मौलाना मदनी पर STF ने कसा नकेल! अवैध हलाल सर्टिफिकेट मामले में बढ़ी मुसीबत, फिर होगी पूछताछ

हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया NABCB (National Accreditation Board For Certification Bodies) या किसी सरकारी संस्था से अधिकृत नहीं है।

अवैध हलाल सर्टिफिकेट देने के मामले में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक बार फिर जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी से पूछताछ करने का फैसला लिया है। इसके लिए एसटीएफ ने एक नोटिस भी जारी किया है। जिसके तहत अगले हफ्ते मौलाना मदनी को उनके सामने पेश होना होगा।

दरअसल, हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली दूसरी अन्य संस्थाओं और हलाल सर्टिफिकेट ट्रस्ट के पदाधिकारी से पूछताछ के बाद एसटीएफ ने फैसला लेते हुए पूछताछ का नोटिस जारी किया है। हालांकि, इस मामले में जांच के बाद अब तक जो कुछ भी सामने आया है उसके तहत अवैध हलाल सर्टिफिकेट से होने वाली कमाई शेल कंपनियों के जरिए डाइवर्ट किया जाता था।

जिसके बाद STF ने जांच करते हुए हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया (मुंबई) के चार पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। जिनमें मौलाना मुदस्सिर, हबीब यूसुफ पटेल, अनवर खान और मोहम्मद ताहिर के नाम शामिल हैं। ये पूरा मामला वर्ष 2023 के नवंबर में सामने आया था जब 23 नवंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेट देकर धोखाधड़ी करने वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जिसके बाद इस मामले की जांच को STF के हाथों में सौंप दिया गया था।

क्या है मामला…?

बता दें कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया NABCB (National Accreditation Board For Certification Bodies) या किसी सरकारी संस्था से अधिकृत नहीं है। ऐसे में इनके द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने से पहले किसी भी प्रोडक्ट का कोई लैब टेस्ट नहीं होता है। जिसके चलते केवल हलाल सर्टिफाइड का लोगो देकर वसूली का काम जारी था।

ये सरीफिकेटे सिर्फ एक्सपोर्ट होने वाली मांसाहारी प्रोडक्ट ही नहीं बल्कि उसके साथ-साथ रेस्टोरेंट में परोसी जाने वाली डिशेज पर भी दिया जाता था। जबकि इस संस्था का डिश बनाने में कोई कंट्रोल नहीं होता है। फिर भी अपने मनमाने तरीके से पैसा लेने के लिए ये हलाल प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे।

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