
जातिगत जनगणना को लेकर स्वामी प्रसाद का बयान सामने आया है। स्वामी मौर्य ने कहा कि अंग्रेजों के शासन काल में जातिगत जनगणना की जाती थी, लेकिन अब नहीं की जा रही है, लंबे समय से जातिगत जनगणना कि हम लोग मांग कर रहे हैं ताकि सबको सबका अधिकार मिल सके। उन्होने कहा कि हम महिलाओं पिछड़ों और दलितों के हितों की बात करते हैं हमने किसी भी धर्म का अपमान नहीं किया है।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना अगर बिहार में हो सकती है,तो उत्तरप्रदेश में क्यों नही हो सकती?? दक्षिण भारत के बड़े नेता भी चाहते हैं। हमारी मांग है,जातीय जनगणना होनी चाहिए। आप अगर जातीय जनगणना के खिलाफ हैं,तो आउटसोर्सिंग के खिलाफ क्यो नहीं है। बजट में आप डेटा सेंटर बना रहे हैं, तो फिर क्यों जातीय जनगणना नही होनी चाहिए। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर तीन माह में कराएंगे जातीय जनगणना.
विधानसभा में सपा विधायक संग्राम सिंह ने जातिगत जनगणना को लेकर आज सवाल पूछा। उन्होने कहा कि आज देश में प्रदेश में जातिवार जनगणना को लेकर के आंदोलित है। और बहुत दिन हो गए एक फिल्म की रिपोर्ट बताती है कि इस देश के एक फीसदी लोगों के पास इस देश के चालीस दशमलव पाँच फीसदी संसाधन है और तकरीबन पचास फीसदी आबादी तीन फीसदी दिनों से गुजारा कर रही है। एक इतनी असमानता की खाई पैदा हो रही है कि देश के एक बहुसंख्यक आबादी जो पिछड़े वर्ग से है और खासकर भारतीय जनता पार्टी लगातार पिछड़ा वर्ग का हितैषी होने का दावा करती है।