लखनऊ; पीएम मोदी ने अपना ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड प्रस्तुत किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि कोटि-कोटि भारतियों के मन की बात है. उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है. 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की. मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े. हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़.
दिल्ली
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) April 30, 2023
➡️मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड
➡️100वें एपिसोड में पीएम मोदी का संबोधन
➡️'सेल्फी विद डॉटर' नेशनल कैंपेन बना- पीएम
➡️'मन की बात में हमने नारी शक्ति का जिक्र किया'
➡️हमारे लिए आस्था,पूजा,व्रत है मन की बात-PM
➡️मन की बात अहम् से वयम् की यात्रा-PM मोदी
➡️देश में… pic.twitter.com/T58keCItLo
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया. जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी. ‘मन की बात’ मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने के जैसा ही रहा है.
पीएम ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं गुजरात के मुख्यमंत्री था तो वहां सामान्य जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था. लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत अलग है. शुरूआती दिनों में कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली महसूस करता था. ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया.
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत मैंने हरियाणा से ही की थी. ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने अपने एपिसोड में इसका जिक्र किया. जल्द ही यह ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान वैश्विक हो गया. इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था.
गौरतलब है कि पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को लेकर भाजपा ने बड़ी तैयारी की थी. इसके अलावा भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व कई राज्यों के राज्यपाल ने पीएन मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100वां एपिसोड सामूहिक रूप से सुना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता से सीधे संवाद करने के लिए मन की बात कार्यक्रम करते हैं. वह भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिसने जनता से सीधा संवाद साधने के लिए किसी कार्यक्रम के 100 एपिसोड प्रस्तुत किए हों.