शमशान घाट की जमीन भी नहीं छोड रहे भूमाफिया, जम कर हो रही सियासत

ज्वालापुर विधानसभा  के एक गांव में शमशान घाट का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। भूमाफिया शमशान घाट की जमीन को भी नही छोड़ रहे हैं। इसी समस्या को लेकर आज सैकड़ो ग्रामीणों ने भगवानपुर तहसील में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और समस्या के समाधान की मांग की।

उत्तराखंडः ज्वालापुर विधानसभा  के एक गांव में शमशान घाट का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। भूमाफिया शमशान घाट की जमीन को भी नही छोड़ रहे हैं। इसी समस्या को लेकर आज सैकड़ो ग्रामीणों ने भगवानपुर तहसील में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया और समस्या के समाधान की मांग की।

भूमाफिया सरकारी जमीन पर अपना कब्जा जमाने से बाज नहीं आ रहे हैं। भूमाफिया सरकार और प्रशासन को नाक के नीचे रखकर आसानी से आम जनता और लोगों को परेशान करते हैं और उनकी या सरकार की जमीन को अपने कब्जे में लेने में इनको तनिक भी परेशानी नही आती है। भूमाफिया का हाल यह हो गया है कि शमशान घाट की जमीन को भी नहीं छोडं रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि शमशान घाट को लेकर राजनीति हो रही है और भू-माफियाओं की शिकायत पर शमशान घाट के निर्माण को रोका जा रहा है। उधर एसडीएम भगवानपुर का कहना है कि ग्रामीणों पर निर्माण से सम्बंधित कोई कागज मौजूद नही है, इसीलिए उन्होंने निर्माण पर रोक लगाई है।

ज्वालापुर विधानसभा के गाँव गांजा माजरा के लोग शमशान घाट को लेकर पिछले लंबे समय से लडाई लड़ते आ रहे है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने शमशान घाट की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया था, तब एसडीएम के लिखित आदेश (आश्वासन) पर ग्रामीणों ने बहिष्कार को खत्म किया था। उसके बाद ग्रामीणों को गाँव मे ही शमशान घाट की जगह उपलब्ध करा दी गई थी।

ग्रामीणों ने बताया प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में उन्होंने शमशान घाट की भूमि की हदबंदी की और टीन शेड डालकर अंतिम संस्कार शुरू कर दिए थे। अब उस जमीन पर छतरी का निर्माण किया जा रहा, जिसको लेकर सियासत हो रही है।

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