काशी का स्वर्ण मंदिर का मुख्य द्वार भी हुआ स्वर्ण मंडित, ढाई महीने में हुआ तैयार हुआ स्वर्ण द्वार…

मंदिर के पास 200 किलो से अधिक सोने की सामग्री है। 130 किलो की पालकी, 35 किलो की छतरी, 32 किलो स्वर्ण कलश,3.5 किलो सोने के दीपक मौजूद है।

वाराणसी: धर्म की और संस्कृति की नगरी काशी जिसे मंदिरों का शहर कहा जाता है। अमृतसर के गोल्डन टेंपल की तरह के काशी में भी गोल्डन टेंपल मौजूद है। मंदिर के पास वर्तमान में 200 किलो से अधिक सोना मौजूदा है।

इस मंदिर में दर्शन के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भक्त आकार अरदास करते है। यह मंदिर किसी और की नही बल्कि संत शिरोमणि रविदास की है। काशी के सिर्गोबर्धन क्षेत्र में स्थित संत शिरोमणि रविदास मंदिर के मुख्य द्वार को भी अब स्वर्ण मंदिर कर दिया गया है।

ढाई महीने में तैयार हुआ सोने का द्वार, मंदिर के पास है इतना सोना…
संत शिरोमणि रविदास के स्वर्ण द्वार को बनाने में आंध्र प्रदेश के कारीगरों ने करीब ढाई महीने में तैयार किया है। मंदिर के मुख्य द्वार के दरवाजे और चौखट को भी स्वर्ण मंडित किया गया है। मंदिर के मैनेजर रणवीर सिंह ने बताया कि मंदिर के स्वर्ण द्वार को संत निरंजन दास जी महाराज के द्वारा तैयार करवाया गया है।

मंदिर के स्वर्ण द्वार के साथ मंदिर के पास 200 किलो से अधिक सोने की सामग्री है। जिसमे 130 किलो सोने की पालकी, 35 किलो सोने की छतरी, 32 किलो स्वर्ण कलश के साथ 3.5 किलो सोने के दीपक मौजूद है।

रैदासियों और नेताओं के आस्था का केंद्र है संत रविदास की जन्मस्थली
काशी में संत शिरोमणि रविदास का मंदिर रैदासियों का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है। काशी संत रविदास की जयंती पर देश के विभिन्न राज्यों और विदेशो से लाखो श्रद्धालु मत्था टेकने के लिए पहुंचते है। वही देश के नेता भी संत शिरोमणि के जयंती के अवसर पर मंदिर पहुंचते है।

मंदिर में पीएम मोदी, प्रियंका गांधी, सीएम अरविंद केजरीवाल, सीएम योगी आदित्यनाथ, सीएम भगवंत मान सहित तमाम नेता आ चुके है। मंदिर में लाखो की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं से मंदिर में चढ़ावा भी खूब आता है। श्रद्धालुओं के दान और चढ़ावे से काशी का स्वर्ण मंदिर कहे जाने वाले संत शिरोमणि के मुख्य द्वार को भी स्वर्ण मंडित करवाया गया है।

रिपोर्ट : नीरज कुमार जायसवाल

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