लखनऊ- 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं. आंकड़ों के अनुसार बिहार में यादव आबादी 14 % और कुर्मी आबादी 2.87 % हैं. वहीं राजपूत वर्ग की आबादी 3.45 % हैं.
जैसे ही बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं. वैसे ही सियासी गलियारें में हलचल मच गई है.
कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.बिहार के सीएम नीतिश कुमार से लेकर लालू यादव और राहुल के साथ स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक्स पर अखिलेश यादव ने कहा कि
जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी. जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं। भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए।
बिहार जाति आधारित जनगणना प्रकाशित : ये है सामाजिक न्याय का गणतीय आधार।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 2, 2023
जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी।जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं…
जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक़्क़ी के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं, नये रास्ते बनाते हैं और सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताक़तवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का ख़ात्मा भी करते हैं.
अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा.