यूपी सरकार के सभी विज्ञापनों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज!

याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के उल्लंघन कर उत्तर प्रदेश सरकार विज्ञापनों पर खजाने के पैसे का दुरुपयोग कर रही है। सरकार ने राज्य से बाहर विज्ञापन जारी करने में करोड़े रुपये खर्च किए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञापनों के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से बार-बार सुनवाई टालने की मांग पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से दूसरी बार मामले की सुनवाई टालने पर नाराजगी जाहिर करते हुए याचिका को खारिज किया। याचिका में यूपी सरकार के विज्ञापन पर रोकने की मांग की गई थी।

वकील जय सुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किए जा रहे सभी विज्ञापन बंद करने के निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए जनकल्याण के लिए धन खर्च करने की बजाय अपने लिए विज्ञापन करने मे धन का उपयोग कर रही है ।

याचिका में कहा गया था कि यूपी सरकार अपनी असफलता और कमियों को छुपाने के लिए विज्ञापन पर करोड़ो रूपये खर्च कर रही है। याचिका में कहा यूपी सरकार ने अपनी विफलताओं को छिपाने और लोगों को गुमराह करने के लिए विज्ञापनों और इवेंट प्रबंधन पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। याचिका में योगी सरकार पर आरोप लगते हुए कहा गया था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक कल्याण और विकास निधियों को विज्ञापन में मोड़ दिया ताकि उनकी नकली लोकप्रियता बढ सके।

याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के उल्लंघन कर उत्तर प्रदेश सरकार विज्ञापनों पर खजाने के पैसे का दुरुपयोग कर रही है। सरकार ने राज्य से बाहर विज्ञापन जारी करने में करोड़े रुपये खर्च किए हैं। याचिका में कहा गया था कि जनता की मेहनत की कमाई को सरकार विज्ञापन और इवेंट पर करोड़ो रुपये खर्च करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है जबकि राज्य की स्थिति बदहाल होती जा रही है।

Related Articles

Back to top button