MSME क्षेत्र में नौकरियां 23 करोड़ के पार, जीतन राम मांझी ने जारी किए आंकड़े

एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 49,342 एमएसएमई बंद हो चुके हैं और एमएसएमई के बंद होने..

सरकार के साथ पंजीकृत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) द्वारा रिपोर्ट की गई कुल नौकरियों ने 23 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। एमएसएमई मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत 5.49 करोड़ एमएसएमई ने 23.14 करोड़ नौकरियों की सूचना दी है, जो पिछले साल अगस्त तक 2.33 करोड़ पंजीकृत एमएसएमई द्वारा 13.15 करोड़ नौकरियों से अधिक है, पिछले 15 महीनों में 10 करोड़ नौकरियां जुड़ी हैं।

5.23 करोड़ महिला रोजगार भी शामिल

कुल रोजगार में उद्यम प्रमाणन के माध्यम से सरकार के साथ पंजीकृत 2.38 करोड़ अनौपचारिक सूक्ष्म इकाइयों द्वारा 2.84 करोड़ नौकरियां और 5.23 करोड़ महिला रोजगार भी शामिल हैं। कुल पंजीकृत इकाइयों में से 5.41 करोड़ सूक्ष्म उद्यम हैं जबकि लघु उद्यम 7.27 लाख और मध्यम उद्यम केवल 68,682 हैं। जुलाई 2020 में उद्यम पोर्टल के लॉन्च होने के समय, 2.8 करोड़ एमएसएमई नौकरियां दर्ज की गई थीं।

गैर-कैप्टिव बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन में 0.07 लाख

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के एमएसएमई मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में उद्धृत राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार, एमएसएमई क्षेत्र में 6.33 करोड़ असंगठित गैर-कृषि इकाइयां शामिल हैं, जिसने देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 11.10 करोड़ नौकरियां (विनिर्माण में 360.41 लाख, गैर-कैप्टिव बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन में 0.07 लाख, व्यापार में 387.18 लाख और अन्य सेवाओं में 362.82 लाख) पैदा की हैं।

देश में 46.7 मिलियन नौकरियां

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में देश में 46.7 मिलियन नौकरियां (4.67 करोड़) पैदा हुईं, जिससे कुल नौकरियों की संख्या 643.3 मिलियन (64.33 करोड़) हो गई। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, कृषि नौकरियों की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत से अधिक रही, जो लगभग 25-29 करोड़ नौकरियों के बराबर है। 2020 से एमएसएमई में नौकरियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन कई एमएसएमई के बंद होने के कारण नौकरी भी चली गई है।

संसद में साझा किए गए आंकड़ें

इस साल जुलाई में एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 49,342 एमएसएमई बंद हो चुके हैं और एमएसएमई के बंद होने के कारण कुल 3,17,641 नौकरियां चली गईं। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मांझी ने कहा, “कंपनी के मालिक में बदलाव, अब प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं, डुप्लीकेट पंजीकरण और ऐसे अन्य कारणों जैसे कई कारणों से एमएसएमई ने पंजीकरण रद्द कर दिया या पोर्टल पर बंद दिखाया।”

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