संविधान दिवस पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा देश मे पिछले कुछ समय से न्यायिक अधिकारियों पर हमले बढ़ रहे हैं। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा आजकल न्यायपालिका के खिलाफ मीडिया, खासकर सोशल मीडिया में भी हमले हो रहे हैं जो प्रायोजित लगते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा देश की तमाम कानूनी एजेंसियों को इस पर गौर करना चाहिए। हम अपेक्षा करते हैं कि सरकार न्यायाधीशों के कार्य करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का प्रयास करेगी।
जस्टिस एन वी रमना ने कहा अंबेडकर के कहा था की संविधान कितना भी बुरा हो अगर वो अच्छे हाथ में हाई तो वो अच्छा होगा। मुख्य न्यायाधीश में वी रमना ने कहा न्यापालिका लोगों की आखरी उम्मीद है। लेकिन लोकतंत्र के तीनों अंगों को न्याय दिलाने के लिए एक साथ काम करना होगा। मुख्य न्यायधीश ने कहा जब विधायिका और कार्यपालिका भटक जाती है तो न्यायपालिका का काम बढ़ जाता है।
मुख्य न्यायधीश ने कहा कांस्टीट्यूशन के बारे में गलत धारणा होती है क्योंकि लोगों को संविधान के बारे में मालूम नही है। पढ़े लिखे लोगों को भी नही मालूम है। इसलिए जागरण बढ़ाना होगा। कल इसलिए एक कोर्स लॉन्च किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने न्यायालय की तुलना 1950 से करने बोलते हुए कहा 1950 और अब के न्यायपालिका में तुलना किया जाता है,यह सही नहीं है। अब न्यायपालिका बिल्कुल अलग है। इतने तरह के लोगों की उम्मीद है। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा हमारे यहां जिस तरह से पीआईएल (याचिकाएं) होता है सिर्फ एक पत्र लिखने पर ऐसा कहीं नहीं होता है। लेकिन फर्जी याचिका पर लगाम लगाना होगा।
मुख्य न्यायधीश ने देश की अदालतों में लंबित मामलों पर कहा कि लंबित मामले एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए मूल भूत ढांचा और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा। रिक्त पदों को भरना होगा और नए पद लाने होंगे।
मुख्य न्यायधीश ने अपने सम्बोधन में कहा कि मॉडर्न पुलिस थाने और अदालत बनाना होगा। इस पर काम हो रहा है। प्रधान मंत्री से इसमें मदद करने की अपील है। मुख्य न्यायधीश एन वी रमना ने कहा कि न्यापलाकिया का भारतीयकरण करना होगा। आज आम लोग डरते हैं कोर्ट जाने में। मुकदमे महंगे होते जा रहे हैं। लोकल भाषा में काम होना चाहिए।
मुख्य न्यायधीश ने कहा कि आज 4 महिला जज हैं सुप्रीम कोर्ट में। और ज्यादा होना चाहिए। बाकी रिक्त पदों को भरना होगा। प्रधानमंत्री इसमें मदद करें। कानून मंत्री बहुत कॉपरेट करते हैं।
स्टोरी- अवैश उस्मानी