
निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। लोगों ने मेयर और अध्यक्ष की सीटों की आरक्षण को लेकर माथा-पच्ची शुरू कर दी है। इस बार नए निकायों के जुड़ने और पुरानें में सीमा विस्तार होने से लोगों की दिलचस्पी और बढ़ गई है। ऐसे में देखना होगा कि कहां पर आरक्षण की कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है।
निकाय चुनाव के लिए जहां पर आबादी में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है, वहां आरक्षण की पुरानी प्रक्रिया को ही आगे बढ़ाया जाएगा। जहां बदलाव हुए हैं, वहां ही नए सिरे से आरक्षण तय किए जाएंगे। 2017 में हुए निकाय चुनाव में 652 निकायों में मतदान हुआ था जिसके बाद 2018 में शहरी निकायों का गठन और सीमा विस्तार हुआ। 111 नए निकाय बन जाने से निकायों की संख्या बढ़ गई है। इस बार 763 शह निकायों में चुनाव होंगे। 2018 के बाद जिन निकायों में सीमा विस्तार और जो नए निकाय बने हैं उनकी संख्या 241 है जिनमें नए सिरे से आरक्षण होगा। बाकी शेष बचे 522 शहरी निकायों में पुरानी व्यवस्था के अनुसार आरक्षण तय होगा।
यूपी में वर्ष 2017 में 16 सीटों के लिए चुनाव हुआ था इस बार 17 सीटों के लिए चुनाव होना है। नगर विकास विभाग ने वार्डों के आरक्षण के लिए जिलों को 4 नवंबर तक समय दिया है। शासन यह मानकर चल रहा है कि 6 से 7 नवंबर तक जिलों से वार्ड आरक्षण का प्रस्ताव प्राप्त हो जाएगा। इसके बाद शासन स्तर पर इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।