आज छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन है, जिसे उषा अर्घ्य कहा जाता है। इस दिन उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। छठ महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, और इन दिनों व्रती महिलाओं को विशेष नियमों का पालन करना होता है। पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है, जिसमें व्रती को स्नान करके सात्विक आहार ग्रहण करना होता है। दूसरे दिन को खरना कहते हैं, जब पूरे दिन का निर्जला व्रत रखकर शाम को गुड़, दूध और चावल की खीर बनाई जाती है। खरना के दिन के बाद व्रति 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करती हैं। तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाता है, जबकि आखिरी दिन उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाता है और साथ ही छठ व्रत का पारण भी किया जाता है। तो आइए, जानते हैं कि उषा अर्घ्य के दिन सूर्योदय का समय क्या होगा और पारण के समय सबसे पहले किसे ग्रहण करना चाहिए।
छठ व्रत क्यों किया जाता है ?
छठ व्रत सूर्य देव की उपासना के लिए किया जाता है, जिससे अच्छे स्वास्थ्य और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, छठी मैया की पूजा करने से संतान को लंबी और सुखी उम्र मिलती है। यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए विशेष रूप से किया जाता है, और जिनकी पहले से संतान है, उनके बच्चों को लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। साथ ही, इस व्रत के द्वारा व्यक्ति को धन, धान्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया दोनों की पूजा की जाती है।
उषा अर्घ्य का सही समय
आज की तारीख 8 नवंबर 2024 को छठ पूजा के दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 38 मिनट का है। व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। अर्घ्य देने के बाद, वे प्रसाद ग्रहण कर छठ व्रत का पारण करेंगी। ध्यान रहे कि सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए व्रती जल में खड़े होकर उनका पूजन करती हैं।