निकाय चुनाव को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई आज, सरकार ने कहा- 2017 के आरक्षण सर्वे को माने आधार…

पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि साल 2017 के आरक्षण के सर्वे को आधार माना जाए. हलफनामे में राज्य सरकार कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए. इसी दलील के आधार पर तब सरकार ने ये कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण नहीं दिया जा सकता.

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है. ऐसे में नगर निगम ने कुछ दिनों पहले नगर निगम ने आरक्षण सूची जारी की थी. जिसे लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठाये गए थे जिसपर कोर्ट को सुनवाई करनी थी.

अभी कुछ ही दिनों पहले इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा था की जब तक जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं हो जाती तब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान ना किया जाए. इसी मामले में हाईकोर्ट में पहले सुनवाई भी हो चुकी है. लेकिन मंगलवार को फिर इसी जनहित याचिका पर सुनवाई होनी है.

पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि साल 2017 के आरक्षण के सर्वे को आधार माना जाए. हलफनामे में राज्य सरकार कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए. इसी दलील के आधार पर तब सरकार ने ये कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण नहीं दिया जा सकता. बहरहाल, मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. आज पक्षकार सरकार के हलफनामे का जवाब कोर्ट में दाखिल करेंगे.

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