विधानसभा में जब आमने-सामने हुए CM योगी और अखिलेश, तस्वीर हुई वायरल…

राजनैतिक मतभिन्नता का मतलब मनभेद नहीं होता। लोकतंत्र की सार्थकता इसी में हैं कि मतभेद कभी मनभेद में ना बदले और एक सार्थक जनकल्याणकारी राजनीति हो जिसमें पक्ष के तर्क भी हों और विपक्ष की बात को भी उचित सम्मान मिले।

उत्तर प्रदेश विधान सभा में सोमवार को नवनिर्वाचित विधायकों ने शपथ ग्रहण किया। इस दौरान विधानसभा से मजबूत लोकतंत्र को बयां करती कई तस्वीरें सामने आईं। शपथ ग्रहण के क्रम में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली। इसके बाद और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी विधायक पद की शपथ ली। राजनीती के दोनों धुर विरोधी नेताओं को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री ने शपथ दिलाई।

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश ने शपथ ग्रहण करने के बाद विधानसभा में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से औपचारिक भेंट की और हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत डिप्टी सीएम केशव मौर्या और बृजेश पाठक ने भी अखिलेश का अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शपथ ग्रहण के बाद अखिलेश से औपचारिक भेंट की, उनसे हाथ मिलाया और उनके कंधे पर हाथ रखा। भले ही राजनीति के दोनों धुरंधर एक दूसरे के धुर विरोधी राजनैतिक प्रतिद्वंदी क्यों ना हो लेकिन उनकी इस औपचारिकता में एक बड़ा संदेश छिपा हुआ है। राजनैतिक मतभिन्नता का मतलब मनभेद नहीं होता। लोकतंत्र की सार्थकता इसी में हैं कि मतभेद कभी मनभेद में ना बदले और एक सार्थक जनकल्याणकारी राजनीति हो जिसमें पक्ष के तर्क भी हों और विपक्ष की बात को भी उचित सम्मान मिले।

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