13 जुलाई नहीं अब इस दिन लांच होगा चंद्रयान-3, इसरो की ओर से सामने आई बड़ी अपडेट…

इससे पहले चंद्रयान-3 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) पर सवार होकर लॉन्चपैड के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है. लॉन्चिंग से पहले अंतिम चरण की टेस्टिंग पूरी की जा रही है. चंद्रयान-3 मिशन लूनर रेजोलिथ के थर्मोफिजिकल गुणों, चंद्र भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा वातावरण और लैंडिंग स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौलिक संरचना का अध्ययन करने में सहायक होगा.

इसरो का महात्वाकांक्षी चंद्र मिशन की लॉन्चिंग तारीख से जुड़ी बड़ी अपडेट सामने आई है. खबर थी कि 13 जुलाई को चंद्रयान-3 को सतीश धवन अंतरीक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जायेगा. लेकिन ताजा अपडेट के मुताबिक, 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर यह लॉन्चिंग की जायेगी.

इससे पहले चंद्रयान-3 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) पर सवार होकर लॉन्चपैड के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है. लॉन्चिंग से पहले अंतिम चरण की टेस्टिंग पूरी की जा रही है. चंद्रयान-3 मिशन लूनर रेजोलिथ के थर्मोफिजिकल गुणों, चंद्र भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा वातावरण और लैंडिंग स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौलिक संरचना का अध्ययन करने में सहायक होगा.

चंद्रयान-3 वास्तव में चंद्रयान कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है. श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत के सबसे भारी लांच व्हीकल मार्क- III को जीएसएलवी एमके III भी कहा जाता है. चंद्रयान-3 के लांच व्हीकल में तीन प्रणालियों का एक संयोजन है जिसके तहत प्रोपल्सन, लैंडर और रोवर शामिल हैं. चंद्रयान -3 में लैंडर-रोवर कॉन्फ़िगरेशन शामिल है जो चंद्रयान -2 मिशन की श्रेणी का एक अंग है.

लैंडर-रोवर कॉन्फ़िगरेशन लांच व्हीकल का चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के लिहाज से एक बेहतरीन वैज्ञानिक तकनिकी है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने हाल ही में कहा, “चंद्रयान -3 का प्राथमिक उद्देश्य सटीक लैंडिंग होना है. इसके लिए आज बहुत सारे काम किए जा रहे हैं, जिसमें नए उपकरणों का निर्माण, बेहतर एल्गोरिदम का निर्माण, फेलियर मोड का ध्यान रखना आदि शामिल है.”

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