आखिर कौन है इमरान मसूद ,साल 2024 में इस पार्टी से लड़ सकते हैं चुनाव !

बातचीत के दौरान इमरान ने कहा कि पार्टी को मजबूत करना अनुशासनहीनता है तो हां…मैंने ये अनुशासनहीनता की है.

डिजिटल डेस्क- इमरान मसूद के खिलाफ बसपा पार्टी ने बड़ा एक्शन लिया है. बसपा पार्टी ने इमरान मसूद को बसपा से निष्कासित कर दिया है. बसपा से निष्कासित होने के बाद यूपी में सियासी पारा हाई हो गया है.

पार्टी से निष्कासित होने के बाद इमरान मसूद ने बयान दिया.इमरान मसूद ने अपने बयान में कहा कि मुझें नहीं पाता था कि पार्टी को मजबूत करना अनुशासनहीनता होती है. भारत समाचार से बातचीत के दौरान इमरान ने कहा कि पार्टी को मजबूत करना अनुशासनहीनता है तो हां…मैंने ये अनुशासनहीनता की है.मैंने पार्टी को जीत के द्वार पर लाकर खड़ा किया.बहन जी ने मुझे पार्टी में लाकर आशीर्वाद दिया था. इसके लिए उनका धन्यवाद…

इससे पहले बसपा का एक कार्यक्रम हुआ था जिसमें इमरान जिंदाबाद के नारे लग रहे थे,इस सवाल के जवाब में इमरान मसूद ने कहा कि पहले सब पुराने बसपाई थे. मैं तो पार्टी को जीत की तरफ ले जा रहा था.अब आपको अगर पार्टी को गर्त में ले जाना है तो ले जाईए.

आगे इमरान मसूद ने कहा कि मैंने सहारनपुर के हर चुनाव में वोट दिलाए जिसका सिला आज ये दिया गया है.

इमरान मसूद का सियासी सफर…

इमरान मसूद…सहारनपुर में अपना वर्चस्व स्थापित करने वाले बसपा के कद्दावर नेता रहे हैं.इमरान मसूद, मुस्लिम समाज का मजबूत चेहरा माने जाते है. उनके सियासी सफर की बात करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी लीडरशिप को काफी ज्यादा मजबूत माना जाता है.हालांकि वो अपने विवादित बयानों के लिए भी जाने जाते हैं.
इमरान मसूद ने सहारनपुर के गंगोह इलाके में एक प्रभावशाली परिवार में जन्म लिया। ये परिवार इमरान के दादा काज़ी मसूद के नाम से अपनी धाक रखता था. परिवार को गंगोह घराना भी कहा जाता है. कहा जाता है कि ये परिवार सहारनपुर में इकलौता सियासी घराना रहा है. इमरान के चाचा काजी रशीद मसूद ने दशकों तक इस परिवार की सियासत को अपने नाम से आगे बढ़ाया.

1971 में इमरान मसूद का जन्म हुआ.तब तक उनके चाचा राजनीतिक में कदम रख चुके थे. जैसे वो बड़े होते गए वैसे-वैसे उनकी राजनीति में दिलचस्पी बढ़ती गई.इसके बाद चाचा की ही छत्रछाया में ही इमरान ने अपने सियासी पारे को आगे बढ़ाया. इमरान ने अपने करियर की शुरुआत क्षेत्रीय राजनीति से की. साल 2006 में वो सहारनपुर में नगर पालिका के चेयरमैन बने. इसके बाद 2007 में विधानसभा चुनाव में इमरान ने टिकट मांगा,लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला.जिसके बाद इमरान ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. इसके बाद 2012 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद कांग्रेस में चले गए. और कांग्रेस के टिकट पर ही उन्होंने नकुड़ विधानसभा से चुनाव लड़ा.लेकिन वो ये चुनाव हार गए.

इसके बाद वो 2014 में अपने चाचा के साथ समाजवादी पार्टी में चले गए. लेकिन 2014 में मोदी लहर आ चुकी थी.इसी वजह से इमरान मसूद लोकसभा चुनाव में सहारनपुर सीट से हार गए.इसके बाद 2017 में वो फिर से कांग्रेस के पास चले गए.

फिर साल 2022 में यूपी के विधानसभा चुनाव के बाद और यहीं के निकाय चुनाव से ठीक पहले उन्होंने बसपा पार्टी का दामन थाम लिया.और बसपा पार्टी के हित में वो काम करते हैं.

खैर अब इमरान बसपा पार्टी के कार्यकर्ता नहीं रहे हैं. और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. ऐसे में फिर से कयास लगाया जा रहा है, कि वो फिर से कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं. पिछले कुछ समय से वो कांग्रेस की कुछ ज्यादा ही तारीफ करते हुए दिखाई दे रहे हैं. और उनका झुकाव कांग्रेस की तरफ बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं वो राहुल गांधी की भी तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए दिखाई दिए हैं.तो हो सकता है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद कांग्रेस पार्टी का जनाधार बढ़ाते हुए दिखाई दे सकते हैं.

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