यूपी के बांदा में बेतहाशा गर्मी और उमस ने लोगों को बेहाल कर रखा है जून खत्म होने के कगार पर है लेकिन मानसून का अभी बुंदेलखंड में और इंतजार करना पड़ सकता है, गर्म हवा और उमस से लोग तेजी से अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं, जून में बांदा में पारा 43 से 46 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर नीचे हो रहा है और लोगों में बेचैनी और डिप्रेशन के मामले भी हीटवेव के साथ ही सामने आ रहे हैं रविवार को भी बांदा का तापमान प्रदेश में नंबर एक पर अपनी आमद दर्ज करा चुका है।
यूपी के बुंदेलखंड में बांदा बेतहाशा गर्मी और कड़ाके की ठंड के लिए जाना जाता है। पिछले वर्ष की अगर बात करें तो गर्मी में बांदा ने एशिया में पहले नंबर पर अपनी आमद दर्ज कराई थी और इस साल भी बांदा सबसे गर्म साबित हो रहा है, सड़कों में सन्नाटा पसरा हुआ है पंछी और जानवर भी गर्मी से बेहाल है, खेत खलिहान भी सूख चुके हैं और लोगों को डायरिया और टायफाइड जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो उनमें डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी सामने आ रही है और इसकी बड़ी वजह बेतहाशा गर्मी और विद्युत की अघोषित कटौती भी है। अस्पतालों में मरीजों की लाइने लंबी हो चुकी हैं और जिला अस्पताल में हालत यह है कि एक एक बेड में दो दो मरीजों को लिटा कर इलाज करने पर डॉक्टर मजबूर हैं।
वहीं दूसरी तरफ शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर्स लोगों से धूप में ना निकलने की अपील कर रहे हैं और लोगों को हीटवेव से बचने के तमाम उपाय बता रहे हैं जिला प्रशासन की तरफ से हीटवेव को लेकर एडवाइजरी जारी की जा चुकी है । बांदा के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि इस उमस भरी गर्मी और हीटवेव में लोगों को मैं संक्रमण ज्यादा फैलता हैं और इसके बचाव के लिए जो एडवाइजरी जारी हुई है उस पर पूरी तरह से पालन करना स्वास्थ्य के लिए हितकर है।
रिपोर्ट : राज नारायण (बांदा)