सलेमपुर में रविन्दर कुशवाहा पर भाजपा ने लगाया तीसरी बार दांव, जातीय समीकरण का मिला फायदा

रविन्दर ने अपनी राजनीतिक पारी सपा से शुरू की। 2014 के आम चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार होने के बावजूद सपा ने इनकी जगह हरिवंश सहाय को सलेमपुर से प्रत्याशी बनाया तो ये भाजपा में शामिल हो गए

देवरिया- तमाम कयासों को दर किनार करते हुए भाजपा ने सलेमपुर लोकसभा में रविन्दर कुशवाहा पर तीसरी बार फिर अपना दांव लगाया BJP का प्रत्याशी बनने की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर छा गई अन्य दावेदारों पर उनका जातीय समीकरण भारी पड़ा। सलेमपुर की सीट को लेकर सुभासपा ने भी दावा किया था लेकिन भाजपा ने इसे दरकिनार कर दिया। अब रविन्दर के सामने जीत की हैट्रिक बनाने की चुनौती है। वे इससे पहले 2014 और 2019 में कमल खिला चुके हैं। पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे 61 वर्षीय रविन्दर कुशवाहा इंटरमीडिएट पास हैं।

रविन्दर ने अपनी राजनीतिक पारी सपा से शुरू की। 2014 के आम चुनाव में टिकट के प्रबल दावेदार होने के बावजूद सपा ने इनकी जगह हरिवंश सहाय को सलेमपुर से प्रत्याशी बनाया तो ये भाजपा में शामिल हो गए। राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने रविन्दर को मैदान में उतार दिया भारी मतों के अंतर से जीत का सेहरा अपने सिर बांध पार्टी के विश्वास पर तब ये खरे उतरे और पहली बार यहां कमल खिला। इस चुनाव में इन्हें 3,92,213 मत मिले, जबकि दूसरे स्थान पर रहे बसपा के रविशंकर सिंह 1,59, 871 मत ही हासिल किये सपा के हरिवंश सहाय तीसरे और कांग्रेस के डा. भोला पाण्डेय चौथे स्थान पर रहे।रविन्दर कुशवाहा को इस चुनाव में 2,32, 342 मतों के अंतर से जीत मिली थी।


2019 की तैयारी में जुटी भाजपा ने अपने स्तर से सर्वे कराना शुरू किया तो टिकट को लेकर कयासबाजियों का दौर चलने लगा टिकट कटने की चर्चाएं भी खूब हुई बावजूद इसके रविन्दर पार्टी की हर गतिविधियों में पूरी तन्मयता से लगे रहे और अंततः एक बार फिर से भाजपा का भरोसा जीतने में कामयाब हो गए। इस चुनाव में सपा और बसपा का गठबंधन होने के बावजूद उन्होंने 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल कर बसपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष आर.एस कुशवाहा को शिकस्त दी जातीय समीकरणों को देखते हुए गठबंधन की तरफ से ब.स.पा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को यहां से उतारा था परन्तु वे भी भाजपा के विजयरथ को नहीं रोक सके। रविन्दर ने उन्हें करीब 1,12,477 मतों से हराया।


छ: फीसदी बढ़त के साथ 2019 में दर्ज की थी जीत मोदी लहर के बीच 2014 में हुए चुनाव में रविन्दर कुशवाहा सलेमपुर से पहली बार सांसद चुने गए थे तब उन्हें कुल 45.83 % मत मिले थे उन्होंने अपने मत प्रतिशत में करीब छ: फीसदी की बढ़त दर्ज करते हुए जीत दर्ज की थी दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी आर.एस कुशवाहा 38.52% (354764) मत ही हासिल कर सके। इन दोनों प्रत्याशियों के अलावा कांग्रेस के राजेश मिश्र समेत सभी 13 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।

2019 का चुनाव परिणाम

  • रविन्दर कुशवाहा भाजपाः

467241—50.73%

  • आरएस कुशवाहा बसपाः

354764—38.52%

  • राजाराम,

सुभासपाः 33520—3.64%

  • राजेश मिश्र

कांग्रेसः 27288—2.96%

रविंद्र कुशवाहा के पिता हरिकेवल प्रसाद चार बार सलेमपुर लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर ये सलेमपुर के सांसद बने। बाद में जार्ज फर्नाडीस के साथ समता पार्टी में चले गए। एन.डी .ए से हुए गठबंधन में यह सीट समता पार्टी के खाते में गई तो 1998 में तीसरी बार जीत दर्ज की। 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर ये आखिरी बार सलेमपुर के सांसद चुने गए।

सलेमपुर में विधानसभावार मतदाता

मतदाता

1-सलेमपुर'(3,39,999)

2-भाटपाररानी (3,39,342)

3-सिकंदरपुर (3,07,655)

4-बेल्थरा (3,65,317)

5-बांसडीह (4,09,429)

कुल मतदाता—17,61,742

कब कौन रहा सलेमपुर का सांसद

निर्वाचन वर्ष

1957-1962
विश्वनाथ राय (कांग्रेस)

विश्वनाथ पाण्डेय (कांग्रेस)–1967

विश्वनाथ पाण्डेय (कांग्रेस) 1971
तारकेश्वर पाण्डेय (कांग्रेस)-1977

रामनरेश कुशवाहा (बीएलडी)-1980

रामनगीना मिश्र (कांग्रेस)-1984

रामनगीना मिश्र (कांग्रेस)-1989
हरिकेवल (जनता दल)-1991

हरिकेवल (जनता दल)-1996

हरिवंश सहाय (सपा)-1998

हरिकेवल प्रसाद (एसएपी)-1999
सांसद

रिपोर्ट- मनीष कुमार मिश्र

Related Articles

Back to top button