उत्तर प्रदेश प्रयागराज के शिवपुर गांव में चौथी में पढ़ने वाले एक छात्र आशीष का अपहरण कर उसके हाथ काट दिए गए थे। जिसके बाद छात्र ने पैरों से भी लिखना सीख लिया हैं। छात्र प्रतिदिन 3 घंटे हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत भाषाओं को लिखने का प्रयास करता हैं।
दरअसल 20 फरवरी 2020 को चौथी का छात्र आशीष साइकिल से स्कूल से वापस आ रहा था। इस दौरान ही कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था। वो दिन उस बच्चे आशीष पल के लिए बहुत ही वीभत्स रहा। उस दिन उसने जिन हाथों से अपने स्कूल का होम वर्क किया था। आर्ट में गाँधी जी के बंदरों की ड्राइंग बनायीं थी। उसी दिन उसके वो हाथ उसके शरीर से अलग कर दिए गए।
हालाँकि कटे हए हुए दोनों हाथों को जोड़ने का प्रयास भी किया गया था। मगर कटे हुए दोनों हाथ 8 घंटे बाद मिले थे। जिसकी वजह से वे जुड़ न सके। डॉक्टरों का कहना था कि यदि 2 से 3 घंटे के अंदर उसके हाथ मिल गए होते तो जुड़ जाते। अब उस 9 साल के बच्चे ने बिना हाथों के जिंदगी जीने की आदत डाल ली हैं। उसने कई कामों को अपने पैरों से करना शुरू कर दिया हैं।
अभी तक अपहरणकर्ताओं का पता नहीं चल पाया हैं। न हीं इस बात की कोई जानकारी है कि उसने बच्चे के दोनों हाँथ क्यों कटे? इस घटना को तीन साल होने को हैं मगर पुलिस आज तक इस बात का पता नहीं लगा पाई हैं। हद यह कि ऐसे मामलों की जांच के लिए सरकार के पास भी कोई अलग जांच सेल नहीं है और ऐसे लोगों को आजीविका योग्य बनाने के लिए भी कोई विशेष योजना नहीं है।