एक साल में 17,545 करोड़ से शून्य तक का सफर, संकट में बयजू, शिक्षकों को सैलरी भी नहीं दे पा रही कंपनी

इसी बीच बायजू निवेशकों ने कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए एनसीएलटी में याचिका दायर की है। जिससे विवाद और गहरा गया...

Byju’s Crisis: अर्श से फर्श पर कैसे पहुंचा जाता है, इसका उदाहरण लर्निंग एप बायजू बन गया है। लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे कंपनी के पास अब अपने कर्मचारियों और शिक्षकों को सैलरी देने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। एडटेक स्टार्टअप बायजू के सह-संस्थापक बायजू रविंद्रन अब अरबपति के लिस्ट से बाहर हो गए हैं। लर्निंग एप के जरिये शिक्षा जगत में क्रांति लाने वाले रवींद्रन अब अर्श से फर्श पर पहुंच गए हैं। उनकी नेटवर्थ महज एक साल में 17,545 करोड़ रुपये से घटकर शून्य हो गई है।

फोर्ब्स के वैश्विक अरबपतियों की सूची से बाहर

फोर्ब्स ने अपनी वैश्विक अरबपतियों की सूची-2024 से उन्हें बाहर कर दिया है। जबकि एक वर्ष पहले ही फोर्ब्स ने रवींद्रन को सबसे युवा भारतीय अरबपति बताया था। फोर्ब्स के अनुसार, लगातार संकट की वजह से कंपनी के हालात काफी बिगड़ गई है।

ऊंची उड़ान के बाद बड़ी गिरावट

एक समय ऊंची उड़ान भरने वाली एडटेक कंपनी के लिए यह बड़ी गिरावट है। फोर्ब्स ने भारतीय अरबपतियों पर लिखे गए अपने लेख में बताया, ताजा सूची से जो शख्स बाहर हुए हैं, उनमें पूर्व एडटेक स्टार बायजू रविंद्रन भी हैं।

बयजू पर कुप्रबंधन का आरोप

इसी बीच बायजू निवेशकों ने कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए एनसीएलटी में याचिका दायर की है। जिससे विवाद और गहरा गया। हाल ही में, शेयरधारकों ने रवींद्रन और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने के लिए एक बैठक भी बुलाई थी।

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