Women Reservation Bill : जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा – कांग्रेस लंबे समय से महिला आरक्षण लागू करने की कर रही मांग

जयराम रमेश ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी.

महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार के एक मास्टरस्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है. एक तरफ जहां यह बिल महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की ओर केंद्र सरकार के इस बिल पर सियासत शुरु है चुकी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया है. साथ ही यह बताया है कि कैसे इस बिल को लाने के लिए कांग्रेस ने लगातार प्रयास किए.

जयराम रमेश ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है. हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पास नहीं हो सका.

उन्होंने ट्वीट में आगे कहा, अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधान मंत्री PV नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए. आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। यह 40% के आसपास है.

उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए. विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ, लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका. राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त (Lapse) नहीं होते हैं. इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी जीवित (Active) है. कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए.

Related Articles

Back to top button