Bengal में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, संदेशखाली मामले में फंसी ममता बनर्जी…

Bengal की महिलाएं राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है। ये मांग उस समय उठी, जब PM खुद 7 मार्च को वहां जाकर पीड़ितों से मुलाकात करने वाले हैं।

डिजिटल डेस्क: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले का मुद्दा अब गर्माता नजर आ रहा है। ममता राज में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और शोषण के चलते अब वहां के सियासी गलियारों में जंग छिड़ गई है। इस बीच अब वहां शांति बहाल करने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। खबर है कि, वहां महिलाएं प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि ये मांग उस समय उठी है जब प्रधानमंत्री मोदी खुद सात मार्च को वहां जाकर पीड़ितों से मुलाकात करने वाले हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि महिलाओं के तरफ से उठाई गई इस मांग से ममता सरकार ख़ासा मुसीबत में पड़ सकती है।

ममता बनर्जी सरकार से महिलाओं का उठा विश्वास

दरअसल, सोमवार यानी 19 फरवरी को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले पर महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के साथ महिलाएं विरोध मार्च और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि उनका अब ममता बनर्जी सरकार से विश्वास उठ चुका है। इस बीच जल्द ही पीएम मोदी के वहां पहुँच कर पीड़ितों से मिलने की भी खबर सामने आई है। इस बात की जानकारी पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने दी है। सुवेंदु में बताया कि, “प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही बंगाल जाकर संदेशखाली पीड़ितों से मुलाकात कर सकते हैं।”

राष्ट्रीय महिला आयोग भी ममता बनर्जी सरकार के विरोध में उतरा

वहीँ सन्देशखली के मामले में मीडिया से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आक्रोश जाहिर किया है। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार के विरोध में मोर्चा खोलते हुए कहा कि, “हमारे आयोग को संदेशखाली में रेप से जुड़े दो मामलों की सूचना मिली है। इन आरोपों के अलावा ग्रामीणों से भी हमें कई दूसरी शिकायतें भी मिली हैं। जिसमे यह साफ़ जाहिर होता है की इस गांव की महिलाएं बहुत डरी हुई हैं। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए हम राष्ट्रपति के समक्ष रिपोर्ट पेश करेंगे और वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार संदेशखाली पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से मात्र 80 किलोमीटर दूर है। ये इलाका बशीरहाट ब्लॉक में पड़ता है। वहां की महिलाएं पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस यानी TMC के नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के अत्याचार से काफी परेशान और डरा हुआ महसूस कर रही हैं। मामला सामने आने के बाद अब उनके खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। ज्ञात हो कि शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर महिलाओं और ग्रामीणों के साथ अत्याचार, यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वहां की पीड़ित महिलाओं ने खुद अपनी आपबीती सुनाई है।

आरोप में बताया गया है कि, TMC के लोग गांव में घर-घर जाकर सुन्दर महिला या लड़की ढूंढते हैं। इस दौरान अगर किसी घर में कोई सुंदर महिला या लड़की दिखती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसे उठा ले जाते है और फिर उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर यहां अन्य जगह पर रखते हैं। अगले दिन उनका रेप करने के बाद, उसके घर के सामने छोड़ जाते थे। जैसे ही यह मामला राज्यपाल के संज्ञान में आया तो वो खुद संदेशखाली पहुंचे। जहाँ उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संदेशखाली का मामला होश उड़ा देने वाला था।

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