उत्तर प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हो गई है। आम चुनाव 2024 के लिए यूपी में बीजेपी ने राम मंदिर के मुद्दे के साथ अब UCC के मुद्दे पर भी चर्चा छेड़ दिया है। चर्चा छेड़ने वाले भी और कोई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ थें। ऐसे में इस बयान पर सियासी गर्मी बढ़ना भी लाजमी है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के प्रचार को धार देने के लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद पहुंचे थे। यहां तिलक इंटर कॉलेज कॉलेज में उन्होंने एक जनसभा को सम्बोधित किया और वहां उन्होंने UCC पर मुद्दा छेड़ते हुए सभी को एक बार फिर सामान नागरिकता संसोधन क़ानून की याद दिला दी। इस चुनावी रैली में उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि, “अब हम देश में समान नागरिक कानून लागू करके रहेंगे।”
हाल ही में इस मामले को लेकर सत्ता में बैठी भाजपा सरकार के रवैये को देखते हुए ऐसा महसूस हो रहा है मानो अब यूसीसी का कार्यान्वयन भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता बनती जा रही है। यह मुद्दा भाजपा सरकार के लिए जनसंघ के जमाने से काफी अहम रहा है। जनसंघ के नेताओं ने भी देश में UCC लागू करने की मांग की थी। तब से ये मुद्दा कभी गर्म तो कभी ठन्डे आंच पर पकता ही रहता है।
बता दें, 2014 और फिर 2019 के चुनाव के बाद अब 2024 के चुनाव में भी भाजपा ने इसे जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया है।’ हालांकि समाजवादी पार्टी अक्सर यूसीसी का पुरजोर विरोध करने के लिए तैयार नजर आती है। उसका कहना है कि इसकी प्रकृति विभाजनकारी है। खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था कि यह मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की बीजेपी की एक नई कोशिश है। ऐसे में CM योगी के तरफ से UCC को लेकर ऐसे समय में चर्चा छेड़ना बहुत कुछ बदल सकता है। अब इस चुनाव में उनका ये रुख बीजेपी को फायदा पहुंचाएगा या सपा को ये देखना काफी दिलचस्प होगा।