रूद्रप्रयान जनपद मे शिक्षा व्यवस्था की हाल ढामाडोल है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की तीन साल मे इक्कावन विद्यालय बन्द हो चुके है। इन विद्यालयो को छात्र संख्या बेहद कम होने के चलते बन्द कर दिया गया। अब आप समझ सकते है कि शिक्षा मकमें के दावो और जमीनी हकीकत कितनी उलट है।
रूद्रप्रयाग जनपद में तीन सालों मे 43 राजकीय प्राथमिक विद्यालय तथा 8 जूनियर विद्यालय को बन्द कर दिया गया है। इसमें सबसे ज्यादा अगस्त्यमुनि विकास खण्ड़ के प्राथमिक और जूनियर मिलाकर 28 विद्यालय है। 13 विघालय उखीमठ के है तो 10 विघालय जखेाली विकास खण्ड़ के है।
सरकार ने शिक्षा के सुधार के लिए हर वर्ष कुछ न कुछ नया प्रयास किया और खूब बजट भी लगाया। जब इस बारे मे जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक एनएस वर्त्थवाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया की जनपद रूद्र्रप्रयाग में यह आकड़ा 2018 से गिरता जा रहा है। कहा की कुछ विद्यालयो को सुचारु करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा जिस प्रकार से स्कूल का बंद होने का प्रस्ताव जाता है ठीक उसी प्रकार खुलने के लिए भी वहीं प्रक्रिया है।