सरकारी महिला कर्मचारी को तीन दिन डिजिटली अरेस्ट कर लूटे 56 लाख, जांच में जुटी पुलिस

दुनिया एक तरफ डिजिटल को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ क्राइम ने भी डिजिटल दुनिया में अपनी जगह मजबूत कर ली है। गाजियाबाद से एक खबर सामने आई है कि साइबर अपराधियों ने खुद को नारकोटिक्स सेल मुंबई से बताते हुए केंद्र सरकार में कार्यरत महिला कर्मचारी के साथ फ्राड किया है। महिला को तीन दिन तक डिजिटली अरेस्ट करके उसकी एफडी तोड़कर 56 लाख रुपए ऐंठ लिए। साइबर थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

वसुंधरा सेक्टर-13 में रहने वाली नलिनी शर्मा ने घटना के बारे में पुलिस को बताते हुए जानकारी दी कि वे केंद्र सरकार में कार्यरत हैं। उन्हे एक अन्जान नंबर से कॉल आया था जिसने खुद को फेडेक्स का कर्मचारी राहुल देव बताते हुए कहा कि फेडेक्स की अंधेरी वेस्ट शाखा से सैफ अल खलोल द्वारा एक पार्सल इरान भेजा गया है। पार्सल में चार एक्सपायर पासपोर्ट, एसबीआई बैंक के पांच क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, अंतरराष्ट्रीय पार्सल के लिए जीएसटी समेत 99 हजार 510 रुपये का भुगतान डेबिट कार्ड से किया गया है। इस संबंध में मुंबई नारकोटिक्स सेल में शिकायत दर्ज करा दी गई है।

कॉलर ने उनसे कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए उनका कॉल मुंबई नारकोटिक्स सेल के अधिकारी को ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके बाद वह प्रदीप सावंत नाम ने उनसे गिरफ्तारी से बचने के लिए स्काइप कॉल पर जुड़ने के लिए कहा। वह अपनी मेल आईडी और डेस्कटॉप के जरिये स्काइप कॉल से जुड़ गईं। प्रदीप सावंत ने अपना आईकार्ड साझा किया और फिर उनका आधार कार्ड मांगा। इसके बाद उनसे कहा गया कि उनके कई खातों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। आरोपियों ने उनसे खाते संबंधी जानकारी साझा करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इस पर मिलिंद भारंबे नाम का व्यक्ति कॉल पर जुड़ा। उसने खुद को एक्ट का केस दर्ज कर लिया गया है।

कॉलर ने खुद को नारकोटिक्स सेल का डीएसपी बताया

महिला का आरोप है कि उसने अपने आपको नारकोटिक्स सेल का डीएसपी बताया। उसने कहा कि जानकारी न देने पर उनके साथ-साथ उनके परिवार को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोप है कि शाम तक यही सिलसिला चलता रहा। इस दौरान उनकी चार एफडी तोड़कर उनके खातों में 56 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी गईं। नलिनी शर्मा का कहना है कि 24 फरवरी की सुबह साढ़े दस बजे फिर से उन्हें स्काइप कॉल पर जोड़ा गया। इसके बाद 25 फरवरी को सुबह साढ़े 11 बजे उन्हें फिर से फोन करके बीते दो वर्षों में होटल स्टे तथा यात्रा कार्यक्रम साझा करने को कहा गया। दोपहर करीब ढाई बजे फिर से उन्हें कॉल पर जोड़ा गया। इस तरह उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर उनसे 56 लाख रुपये ऐंठ लिए गए। फर्जीवाड़े का पता लगने पर नलिनी शर्मा ने साइबर थाने में शिकायत दी है।

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