डिजिटल डेस्क: अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब वाराणसी में ज्ञानवापी मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते बुधवार को जिला जज के कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद देर रात वजूखाने के भीतर मौजूद व्यास तहखाने में पारंपरिक पद्धति के साथ मूर्तियों की स्थापना की गई। साथ ही उनका षोडषोपचार पूजन भी किया गया। जिसके बाद अब तहखाने में आज यानी 1 जनवरी को एक बार फिर पूजा पाठ कर विष्णु और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर मंदिर परिसर में अब आरती का समय भी निर्धारित कर दिया गया है।
मंदिर में आरती का समय हुआ निर्धारित
दरअसल, आज व्यास तहखाने में कुल 8 प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। जिसमें भगवान विष्णु और गणेश जी की प्रतिमा के साथ दो हनुमान जी की प्रतिमा, 2 प्रतिमाएं जोशीमठ की और एक प्रतिमा मकर की है। इसके अलावा यहां एक अखंड दीप भी स्थापित किया गया। पूजा शुरू होने के साथ ही इस परिसर में अब आरती का समय भी निर्धारित कर दिया गया है। मंदिरों में होने वाली आरती परंपरा के तहत यहां भी पांच आरतियां होंगी। इनका समय सुबह 3:30 बजे से रात 10:30 बजे तक का है।
प्रतिदिन होने वाली 5 आरतियों का समय कुछ इस प्रकार हैं:-
- मंगला आरती – सुबह 3:30 बजे
- भोग आरती – दोपहर 12 बजे
- अपरान्ह आरती – शाम 4 बजे
- सांयकाल आरती – शाम 7 बजे
- शयन आरती – रात्रि 10:30 बजे
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुस्लिम पक्ष के हाथ लगी निराशा
इस बीच मुस्लिम पक्ष ने जिला जज कोर्ट के तरफ से दिए गए पूजा करने के अधिकार वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए तुरंत सुनवाई की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में जाने का आदेश दिया है।