Gyanvapi Survey : ASI सर्वे में मंदिर पर बड़ा खुलासा! मुस्लिम पक्ष सदमे में, यहाँ पढ़ें पूरा मामला

सर्वे में मस्जिद के अंदर देवी-देवताओं की मूर्ति समेत हिन्दू धर्म से जुड़े कई निशान प्राप्त हुए हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि वहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। सर्वे में स्वास्तिक, कमल पुष्प और घंटी के निशान पाए गए हैं, साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं।

25 जनवरी को ASI द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट के सामने आते ही ज्ञानवापी मामले ने एक रोचक मोड़ ले लिया है। वहां मौजूद मस्जिद को लेकर एएसआई की रिपोर्ट में किये गए दावों से अब सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। दरअसल, सर्वे में मस्जिद के अंदर देवी-देवताओं की मूर्ति समेत हिन्दू धर्म से जुड़े कई निशान प्राप्त हुए हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि वहां मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। सर्वे में स्वास्तिक, कमल पुष्प और घंटी के निशान पाए गए हैं, साथ ही मंदिर के टूटे हुए खंभों के अवशेष भी मिले हैं।

मंदिर को 17वीं शताब्दी में तोड़े जाने का मिला सबूत- हिन्दू पक्ष
अब ज्ञानवापी पर जारी ASI सर्वे के इसी रिपोर्ट को देखते हुए हिन्दू पक्ष ने अपने जीत का दावा ठोक दिया है। सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था इस बात को खुद ASI ने माना है। जारी रिपोर्ट में मंदिर को, मंदिर के खंभों और हिंदू देवी-देवताओं के मूर्तियों को 17वीं शताब्दी में तोड़े जाने का सबूत मिला है। ऐसे में अब वो दिन दूर नहीं जब हिंदुओं को वहां पूजा-पाठ करने की अनुमति मिल जाएगी।

सर्वे मात्र एक रिपोर्ट है, फैसला नहीं- मुस्लिम पक्ष
हालांकि, इस पूरे मामले पर मुस्लिम पक्ष की तीखी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने इसका खंडन भी किया है। ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने अपने बयान में कहा कि मस्जिद का ASI सर्वे मात्र एक रिपोर्ट है, इसे कोर्ट का फैसला मानना गलत होगा। इस पूरे मामले पर मीडिया से बात करते हुए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा कि वे ASI सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं, अपने अध्ययन के बाद ही वो इस मामले पर कोई टिप्पणी करेंगे।

ASI द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट में क्या है?
बता दें कि ASI द्वारा जारी कुल 839 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि मस्जिद से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था, इसी मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था. वहां मौजूद मंदिर को 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया और मस्जिद बनाने में उसी के मलबे का उपयोग किये जाने के भी सबूत मिले। मस्जिद के अंदर पाए गए दो तहखानों में हिन्दू देवी-देवताओं का मलबा प्राप्त हुआ है। साथ ही सर्वे रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार एक हिन्दू मंदिर का भाग है। यहाँ तक वहां मौजूद पत्थर पर फारसी में मंदिर तोड़ने के आदेश और तारीख के अवशेष भी मिले है। वहां एक महामुक्ति मंडप लिखा पत्थर भी मिला है।

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