Gyanwapi Case: ज्ञानवापी तहखाना मामले में सुनवाई पूरी, आज आएगा फैसला

6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ध्वंस के बाद 1993 में यहां सपा सरकार के आदेश पर पहले बांस-बल्ली और उसके बाद लोहे की ऊंची बैरिकेडिंग करा दी गई।

डिजिटल डेस्क: ASI के सर्वे रिपोर्ट जारी करने के बाद ज्ञानवापी मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। हाल ही में हिन्दू पक्ष की तरफ से व्यास तहखाने में पूजा-पाठ के अनुमति को लेकर दायर याचिका पर कल जिला कोर्ट ने सुनवाई करते हुई अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब ऐसा मन जा रहा है कि इस मामले पर आज यानी 31 जनवरी को दोपहर 2 बजे होने वाली अपनी सुनवाई में जिला कोर्ट फैसला सुना सकता है।

सपा सरकार के आदेश पर बंद हुआ था पूजा-पाठ

बता दें, हिन्दू याचिकाकर्ता शैलेंद्र व्यास के अनुसार, उनका परिवार वर्ष 1993 तक सोमनाथ व्यास तहखाने में नियमित पूजा पाठ करता था। फिर बाद में तहखाने में पूजा पाठ करने पर रोक लगा दिया गया। अब यह तहखाना अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिकार में है। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ध्वंस के बाद 1993 में यहां सपा सरकार के आदेश पर पहले बांस-बल्ली और उसके बाद लोहे की ऊंची बैरिकेडिंग करा दी गई। इसी को मद्देनजर रखते हुए शैलेन्द्र ने अपने याचिका में मांग की थी कि तहखाने को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की उन्हें अनुमति दी जाए।

तहखाना मस्जिद का हिस्सा है – मुस्लिम पक्ष

वहीँ इस पूरे मामले पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वो तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। यहां पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश के लिए सुनवाई को आज पर टाल दिया था। गौरतलब है कि वाराणसी जिला अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर जिलाधिकारी ने बीते 24 जनवरी को ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखाने को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।

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