Health Update: बीएचयू में कैंसर पर हुआ शोध, नीम की पत्ती और फूल में पाए जाने वाले निंबोलाइड्स से होगा इलाज…

सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय समय-समय पर अपने अनेक रिसर्च से दुनिया को चौकता रहा है। ऐसे में इस बार एक बार फिर बीएचयू के रिसर्च स्कॉलरों ने कैंसर को लेकर दुनिया को चौकाया है , दरसल बीएचयू स्कॉलर ने नीम की पत्ती और फूल में पाए जाने वाले निंबोलाइड्स को कैंसर ग्रस्त चूहों में इंजेक्ट किया, तो एक महीने बाद काफी सुखद रिजल्ट देखने को मिले , जिससे स्कॉलरों ने दावा किया है कि जल्द ही कैंसर का ईलाज नीम की पत्ती से किया जाना संभव होगा।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कैंसर के इलाज के लिए एक बेहतर रिसर्च किया गया है यह रिसर्च बीएचयू के जूलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार, प्रदीप कुमार जैसवारा और उनकी रिसर्च टीम ने नीम की पत्ती और फूल में पाए जाने वाले निंबोलाइड्स को कैंसर ग्रस्त चूहों में इंजेक्ट किया, तो एक महीने बाद काफी सुखद रिजल्ट देखने को मिले।

एशियानेट की टीम से उन्होंने बातचीत में बताया कि जिन चूहों में निंबोलाइड्स थे वे 40 दिन तक मरे ही नहीं। वहीं जो चूहे बिना निंबोलाइड्स और कीमोथेरेपी ले रहे थे, उनकी मौत 20-25 दिन के अंदर हो जाती है। वहीं, दूसरी खास बात यह कि निंबोलाइड वाले चूहे पर इस दवा का कोई साइडइफेक्ट नहीं और न ही इम्युनिटी कम हुई, जबकि नॉर्मल चूहे की कीमो से किडनी और दूसरे अंग भी प्रभावित होते जा रहे थे।

डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि निंबोलाइड आपके ब्लड में पाए जाने वाले फाइटर सेल्स को मरने नहीं देता। यह केवल कैंसर सेल्स को टारगेट करके खत्म करता है। यानी कि भोजन करने के बाद जो ग्लूकोज शरीर कोशिकाओं को मिलता है, उसमें कैंसर से संक्रमित कोशिकाएं भी अपनी संख्या बढ़ाने के लिए काफी एनर्जी ले लेती हैं। ऐसे में निंबोलाइड्स में यह देखा गया कि यह ग्लूकोज को पहुंचाने वाले ग्लाइकोलाइसिस पाथ-वे (मार्ग) (जिस पर कैंसर सेल पूरी तरह से निर्भर होता है) उसी को ब्लॉक कर देता है।

इससे कैंसर सेल्स को ऊर्जा मिलनी बंद हो जाती है। डॉ. कुमार ने कहा कि हमने रिसर्च के दौरान इन विट्रो रिसर्च (बॉडी के बाहर रिसर्च) में देखा कि ब्लड में मिलने वाले फाइटर सेल T Cell, मोनोसाइट्स और नेचुरल किलर सेल्स कैंसर के संक्रमण को खत्म करने में तेजी से काम कर रहीं थीं। जबकि कैंसर में होता यह है कि ये फाइटर सेल ही क्षीण हो जाती हैं। लैब में कैंसर ग्रस्त चूहों में देखा गया कि जिन्हें निंबोलाइड्स दिया गया था उनके ब्लड पैरामीटर सेल ठीक थे।

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