अखिलेश से किनारा, ओवैसी का साथ, INDIA गठबंधन को छोड़ पल्लवी ने AIMIM से मिलाया हाथ

जैसे-जैस लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे है,वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के...

डेस्क: जैसे-जैस लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे है,वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सामने नया चैलैंज आ गया है.क्योंकि अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता व समाजवादी पार्टी की विधायक पल्लवी पटेल ने असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिला लिया है.इसका मतलब सीधा-सीधा ये होता है कि वो गठबंधन के जरिए यूपी में मुस्लिम वोट में सेंधमारी करेंगी.जिसका खामियाजा प्रदेश में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को उठाना पड़ सकता है.जिस तरह अखिलेश यादव YM के फॉर्मूले को चुनावी हथियार बनाते हुए आएं हैं, अब अखिलेश के YM वाले के फॉर्मूले से पल्लवी पटेल ने M फैक्टर को अपनी तरफ खींच लिया है.

पीडीएम के साथ लोकसभा चुनाव में उतरेंगी पल्लवी

बता दें कि अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता और समाजवादी पार्टी से विधायक पल्लवी पटेल अब ‘पीडीएम’ (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) के जरिए लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशियों को हराएंगी. समाजवादी पार्टी के पीडीए के मुकाबले पल्लवी की पिछड़ा, दलित व मुस्लिम नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश है.इसी के लिए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाया है. नया गठजोड़ तीन दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी. पल्लवी पटेल रविवार को दोपहर में प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी घोषणा करेंगी.

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दूसरी तरफ ये भी बता दें कि राज्यसभा चुनाव में भी कुछ ऐसा तनाव वाला माहौल देखने को मिला था.राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर समाजवादी पार्टी और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी के बीच खटास हुई थी. सपा ने जया बच्चन, रामजीलाल सुमन व आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया था,कहा जाता है कि पल्लवी इसी बात से नाराज थीं. उन्होंने कहा था कि पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की राजनीति करने वाली सपा ने पिछड़े व अल्पसंख्यकों को प्रत्याशी नहीं बनाया.सपा से बागी तेवर अपनाने वाली पल्लवी पटेल का मानना है कि अखिलेश का पीडीए भटक चुका है.वहीं पल्लवी के रुख से नाराज अखिलेश यादव ने भी पिछले दिनों दो टूक कहा था कि अपना दल कमेरावादी से 2022 में ही गठबंधन था, अब 2024 में गठबंधन नहीं है.

खैर अब देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी के M फैक्टर को मिशन-24 में अपनी ओर खींचने में पल्लवी पटेल कितनी कामयाब हो पाती है.

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