Mohamed Muizzu: मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला। राष्ट्रपति मुइज्जू ने शुक्रवार को भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालने की कसम खाई। हालांकि उन्होंने भारत का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा सभी चुनावी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुइज्जू ने अपने चुनावी वादे में मालदीव से भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने की बात कही थी। शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि देश की धरती पर कोई विदेश सैनिक नहीं रहेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में ये हुए शामिल
मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, मोहम्मद नशीद और डॉ. मोहम्मद वहीद सहित देश के कई शीर्ष नेता मौजूद रहे। खबरों के अनुसार कार्यक्रम में प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, सांसद और एक हजार आम जनता शामिल हुए। अन्य देशों से- भारत के किरेन रीजीजू, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और उनकी पत्नी मैत्री विक्रमसिंघे, बांग्लादेश के सूचना मंत्री हसन महमूद, पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा सोलंकी, सेशेल्स के उप राष्ट्रपति अहमद अफीफ।
चीन की ओर से स्टेट काउंसलर शेन यिकिन, संयुक्त अरब अमीरात के न्याय मंत्री अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन अब्द अल नुआइमी, यूएनईएससीएपी की अवर-महासचिव आर्मिडा साल्सियाह अलिसजहबाना, राष्ट्रमंडल की महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड केसी और तुर्किये के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री मेहमत नूरी एर्साय शामिल हुए।
मुइज्जू बने मालदीव के आठवें राष्ट्रपति
दुनिया से आए तमाम नेताओं की मौजूदगी में इंजीनियर से नेता बने मुइज्जू ने मालदीव के आठवें राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण की। मुइज्जू 45 वर्ष के हैं। वह रिपब्लिकन स्क्वायर पर आयोजित पीपल्स मजलिस की विशेष सभा में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस कार्यक्रम में मोहम्मद लतीफ ने मालदीव के 10वें उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
मुइज्जू को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामिन का करीबी सहयोगी माना जाता है। यामीन ने 2013 से 2018 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे। अपने कार्यकाल के दौरान यामीन चीन के साथ निकट संबंध स्थापित किए। सोलिह ने पहले भारत के नीतियों का पालन किया और भारत के साथ घनिष्ठ संबंध थे।