सलेमपुर संसदीय क्षेत्र का गणित! बलिया के मतदाता होते हैं निर्णायक, हमेशा चुने जाते हैं सलेमपुर वाले

सलेमपुर लोकसभा सीट पिछड़ा बाहुल्य सीट माना जाता है। पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी, कुशवाहा, राजभर के मतदाताओं की संख्या अधिक है।

हम बात कर रहे हैं हॉट सीट लोकसभा सलेमपुर का यह बहुत ही दिलचस्प लोकसभा क्षेत्र है यहां बलिया जिले वाले होते हैं निर्णायक, चुने जाते हैं सलेमपुर वाले…. आपको बता दे की लोकसभा सलेमपुर सीट बिहार बॉर्डर से सटा हुआ सीट है कहने को देवरिया जिले में यह सीट आती है लेकिन इस सीट पर जीत-हार का फैसला बलिया वाले जरूर करते हैं लेकिन सलेमपुर वाले  चुने जाते है वजह यह कि इस संसदीय क्षेत्र की  तीन विधान सभा सीट बलिया जिले में आती है लेकिन दिलचस्प पहलू यह है कि तीन विधानसभा क्षेत्र बलिया में होने के बावजूद भी अपवाद को छोड़कर अब तक जितने भी सांसद हुए हैं वह देवरिया जिले के रहने वाले होते है भले ही बलिया वालों का वोट निर्णायक होता हो मगर दबदबा सिर्फ देवरिया जिले वालों का का रहता है। सलेमपुर संसदीय की यह वह सीट है जिस पर कभी समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र भी चुनाव लड़ चुके हैं यहां के मतदाताओं की यह खासियत है कि वे किसी के प्रभाव में नहीं आते और मूड के हिसाब से अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करते हैं।

देवरिया जिले की सलेमपुर लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आया यह सीट कभी कांग्रेस और सोशलिस्टों का गढ़ मानी जाती थी। 1990 में मंडल और कमंडल की राजनीति में कांग्रेस का यहां से सफाया हो गया। 2014 से यहां लगातार भाजपा जीत रही है अब तक के चुनाव में यहां छह बार कांग्रेस दो बार भाजपा, दो बार बसपा, दो बार जनता दल, दो बार समाजवादी पार्टी और बाकी सोशलिस्टों ने जीत हासिल की है। पिछड़ा बाहुल्य इस सीट पर भाजपा ने वर्तमान में सांसद रविंद्र कुशवाहा को टिकट दिया है जबकि सपा ने अपना खोया हुआ वर्चस्व स्थापित करने के लिए पूर्व सांसद रमाशंकर विद्यार्थी राजभर को मैदान में उतारा है।

 पिछड़ा वर्ग के वोटरों की है बाहुल्यता

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में 05 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें देवरिया की सलेमपुर ,भाटपार रानी विधानसभा सीट आती है और बलिया जिले की बेल्थरा रोड, सिकंदरपुर और बांसडीह विधानसभा क्षेत्र आती है इन पांचों विधानसभा सीटों में बेल्थरा रोड सीट सुभासपा और सिकंदरपुर विधानसभा सीट सपा के कब्जे में है जबकि भाटपार रानी, सलेमपुर और बांसडीह विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक हैं। सलेमपुर लोकसभा सीट पिछड़ा बाहुल्य सीट माना जाता है। पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी, कुशवाहा, राजभर के मतदाताओं की संख्या अधिक है।

एक अनुमान के मुताबिक यहां

  • 15 फीसदी ब्राह्मण,
  • 18 फीसदी कुशवाहा,
  • 14 फीसदी राजभर,
  • 15 फीसदी अनुसूचित जाति,
  • 02 फीसदी यादव,
  • 04 फीसदी क्षत्रिय,
  • 13 फ़ीसदी अल्पसंख्यक,
  • 04 फीसदी वैश्य,
  • 02 फीसदी कायस्थ,
  • 02 फीसदी सैंथवार
  • 04 फीसदी निषाद
  • बाकी अन्य जाति के मतदाता है।

2019 का परिणाम

  • रविंद्र कुशवाहा, भाजपा  — 467940 विजयी
  • आर.एस कुशवाहा, बसपा — 355325 पराजित
  • राजा राम, सुभासपा — 33568 पराजित
  • राजेश कुमार मिश्र, कांग्रेस –27363 पराजित

 1957 से 2019 तक के चुनाव में जीते सांसद

  • 1957 से लेकर 2019 तक के चुनाव में 1957 में कांग्रेस के विश्वनाथ राय, 1962 और 1967 में कांग्रेस के विश्वनाथ पांडेय, 1971 में कांग्रेस के तारकेश्वर पांडेय चुनाव जीते।
  • 1977 में इमरजेंसी से उपजे आक्रोश के चलते कांग्रेस यहां हार गई और भारतीय लोकदल के रामनरेश कुशवाहा चुनाव जीते।
  • 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस को फिर जीत मिली और दोनों बार राम नगीना मिश्रा सांसद बने।
  • 1989 में बोफोर्स कांड की हवा में कांग्रेस हार गई 1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के हरि केवल प्रसाद चुनाव जीते। 1996 में समाजवादी पार्टी से हरिवंश सहाय, 1998 में हरिकेवल प्रसाद जीते
  • 1999 में यहां बसपा का खाता खुला और बब्बन राजभर चुनाव जीते। 2004 में समाजवादी पार्टी से हरिकेवल प्रसाद, 2009 में बसपा से रमाशंकर राजभर चुनाव जीते।
  • 2014 में पहली बार यहां भाजपा जीती और रविंद्र कुशवाहा सांसद बने। 2019 के चुनाव में भी भाजपा दोबारा यहां से चुनाव जीती
  • वही 2024 में भाजपा ने रविंद्र कुशवाहा को फिर चुनाव मैदान में उतारा है 1991 के लोकसभा चुनाव में छोटे लोहिया के नाम से मशहूर दिग्गज समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र भी यहां से समाजवादी जनता पार्टी की टिकट पर मैदान में थे
  • जनेश्वर मिश्र चंद्रशेखर की सरकार में रेल मंत्री भी थे जनेश्वर मिश्र के चुनाव लड़ने की वजह से 1991 के चुनाव में सलेमपुर सीट खास चर्चा में आयी थी। वीपी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल से निवर्तमान सांसद हरिकेवल प्रसाद मैदान में थे। हरिकेवल प्रसाद चुनाव जीत गए और जनेश्वर मिश्र को हार का सामना करना पड़ा था।

2024 में भाजपा से रविंद्र कुशवाहा, सपा से रमाशंकर राजभर हैं मैदान में

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यहां चौथे स्थान पर पहुंच गई 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का यहां पहली बार खाता खुला था और रविंद्र कुशवाहा 50 फ़ीसदी से अधिक वोट पाकर भारी मतों से चुनाव जीते थे। 2019 में भाजपा ने यह सीट बरकरार रखी और रविंद्र कुशवाहा दूसरी बार भारी मतों से चुनाव जीते। इस बार के चुनाव में भाजपा ने फिर रविंद्र कुशवाहा को ही उम्मीदवार बनाया है रविंद्र कुशवाहा के पिता हरिकेवल प्रसाद भी विभिन्न दलों से यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद रमाशंकर राजभर को उम्मीदवार बनाया है। रमाशंकर राजभर 2009 में बसपा से सांसद रहे हैं बाद में उन्होंने सपा ज्वाइन कर ली और इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं

चुनावी मुद्दे

  • बेरोजगारी
  • महंगाई
  • पलायन
  • बस स्टैंड
  • बाईपास

सलेमपुर लोकसभा

कुल मतदाता – 1761721
पुरुष – 937162
महिला – 824490
थर्ड जेंडर – 69
मतदान केंद्र – 1101
मतदेय स्थल – 1827

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