देशभर में इस समय गणतंत्र दिवस को लेकर एक ख़ास उमंग की लहर है। इस 26 जनवरी को पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस मानाने को तैयार है। भारत का हर एक नागरिक देशभक्ति के रंग में डूबा हुआ है। इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए सब अपनी-अपनी योजना बनाने में जुटे हैं। ऐसे में अगर आप भी इस दिन को घर पर बैठे ही ख़ास तरीके से सेलिब्रेट करना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए। आज हमने अपनी इस लेख में आपको गणतंत्र दिवस पर देखने के लिए देशभक्ति से सरोबार फिल्मों की एक सूचि तैयार की है, जिसको देखने के बाद आपका भी सीना 56 इंच का हो जाएगा। यह फिल्में न केवल आपके दिल को झकझोर देंगी बल्कि भारत के शक्ति, संघर्ष, बलिदान और विजय को भी प्रदर्शित करती हैं।
तेजस
यह फिल्म भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। इस फिल्म में न केवल आपको एक्शन और मनोरंजन मिलेगा बल्कि इसे देखने के बाद आपको देशभक्ति का भी एहसास होगा। साथ ही, इसमें आपको अदाकारा कंगना रनौत का एक प्रभावशाली रूप देखने को मिलेगा। मूवी तेजस आपके दिल को छू लेने के साथ आपको रोमांच से बांधे रखेगा।
सैम बहादुर
विक्की कौशल की यह फिल्म भारत के प्रथम फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है। देशभक्ति के मामले में इस फिल्म को काफी सराहना मिली है। यह फिल्म आपको आपके देश के अतीत को लेकर जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ हंसाएगी भी। इसको आप अपने परिवार के साथ देखें ताकि आपके भी बच्चों को हमारे देश के ऐसे वीर युद्ध नायक के बारे में पता चले।
मंगल पांडेय
यह फिल्म वर्ष 2005 में रिलीज़ हुई थी मगर आज भी इस फिल्म की लोकप्रियता पहले जैसी ही है। फिल्म भारतीय स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे पर आधारित है। जो अंग्रेजी हुकूमत के समय अंग्रेजों की फौज में थे। उस समय कारतूस में इस्तेमाल होने वाली गाय की चर्बी के विरोध में मंगल पांडेय ने बड़ी ही जांबाजी से अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस फिल्म में मंगल पांडे की भूमिका आमिर खान ने निभाई थी। फिल्म में मुख्य भूमिका के रूप में आमिर खान, रानी मुखर्जी, अमीषा पटेल और किरण खेर ने अभिनय किया है।
शेरशाह
फिल्म शेरशाह कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन और सहादत पर आधारित है। इसे देखने के बाद आप भावुक होने साथ अपने भारतीय सेना पर गर्व महसूस करोगे। कैप्टन विक्रम बत्रा की इस बायोपिक में मुख्य भूमिकाओं के तौर पर सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी ने अभिनय किया है। बता दें, उस समय कैप्टन बत्रा को वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान यानी परमवीर चक्र प्रदान किया गया था।