विपक्षी दलों की दूसरी महाबैठक, एक मंच पर 26 पार्टियां, नेताओं के पोस्टर से पट गए रास्ते

इस बैठक में गठबंधन के लिए एक नाम तय करने और एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम तय करने की संभावना है। इसके अलावा, कई समितियों के गठन की उम्मीद है

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, विपक्षी दल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। जिसके लिए बैठकों का दौर जारी है। विपक्ष की दूसरी संयुक्त बैठक आज बेंगलुरु में होगी। यह बैठक दो दिनों तक चलने वाली है, जो 18 जुलाई को समाप्त होगी, जिसमें प्रमुख दलों के नेता मिलेंगे और आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे।

कार्यक्रम को लेकर लगभग सभी तैयारियों पूरी कर ली गई हैं। बैठक की सभी तैयारियों की निगरानी के लिए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को प्रभारी नियुक्त किया गया है। नेताओं के सोमवार दोपहर को आने की तैयारी के साथ, शाम 6 बजे एक अनौपचारिक बैठक निर्धारित है जिसके बाद रात 8 बजे रात्रिभोज होगा।

विपक्षी नेताओं के लगे पोस्टर
18 जुलाई को बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी और शाम 4 बजे तक चलेगी, इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार रणनीति की घोषणा की जा सकती है। कार्यक्रम स्थल पर AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी नेताओं के पोस्टर लगाए गए हैं।

गठबंधन के लिए नाम हो सकता हैं तय
इस बैठक में गठबंधन के लिए एक नाम तय करने और एक सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम तय करने की संभावना है। इसके अलावा, कई समितियों के गठन की उम्मीद है जो गठबंधन में उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठकें करेंगी। बेंगलुरु में होने वाली इस अहम विपक्षी बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत विपक्ष के सभी बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।

पहली बैठक में अरविन्द केजरीवाल ने जताई थी नाराजगी
विपक्षी दलों की पहली बैठक बिहार के पटना में हुई थी, जिसमें आम आदमी पार्टी ने केंद्र के अध्यादेश पर अपने रुख न स्पष्ट करने पर नाराजगी जताई थी। जिसके बाद जब कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया और आम आदमी पार्टी का समर्थन कर दिया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने भी रविवार को बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की।

26 दलों को किया गया है आमंत्रित
इससे पहले पटना बैठक में 16 विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया था और उनमें से 15 ने बैठक में भाग लिया। इस बैठक में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ एकजुट मोर्चा पेश करने के अपने प्रयासों के तहत कम से कम 26 विपक्षी दलों के नेता 17-18 जुलाई को बेंगलुरु के एक होटल में जुटेंगे। कांग्रेस ने बेंगलुरु में शुरू होने वाली दूसरी विपक्षी बैठक के लिए कुल 25 पार्टियों से समर्थन जुटाया है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी विपक्ष की बैठक में आने वाली हैं।

पहली बैठक में इनको किया गया था शामिल
पहली बैठक में कांग्रेस के अलावा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC), जनता दल (यूनाइटेड) (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (सीपीआईएमएल), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), आम आदमी पार्टी (AAP) और राष्ट्रीय लोकदल पटना बैठक के लिए आमंत्रितों की सूची में शामिल थे।

दूसरी बैठक में 10 नए दलों को किया गया आमंत्रित
कांग्रेस ने एनडीए पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बेंगलुरु में दूसरी विपक्षी बैठक में 10 नए दलों को आमंत्रित किया है। इनमें मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल शामिल हैं। कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावाड़ी) और तमिलनाडु की मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके)।

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