स्टेट GST की कस्टडी में रोते-रोते ट्रक ड्राइवर ने तोड़ा दम, तीन अफसरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज

पूरा मामला कानपुर के कल्याणपुर थाने का है. एडिशनल कमिश्नर महेंद्र विक्रम सिंह जॉइंट कमिश्नर अमित मोहन व पारस नाथ यादव के पर आरोप है कि शनिवार रात इन अधिकारियों ने स्क्रैप लदा एक ट्रक रोका था. ट्रक को अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया. ड्राइवर ने गुहार लगाई कि उसके बेटे की मौत हो चुकी है. उसे घर जाने दिया जाए, लेकिन अफसरों ने उसका ट्रक नही छोड़ा.

कानपुर से निर्दयता और क्रूरता की सारी हदें पार कर देने वाला एक मामला सामने आया. स्टेट GST के अफसरों की निर्दयता और मनमाना रवैये ने एक निरीह ट्रक ड्राइवर की जान ले ली. जिन अफसरों से जनता की सेवा और आमजन के साथ मित्रवत व्यवहार की अपेक्षा की जाती है, वो ही अफसर जनता के भक्षक बन जाते हैं.

पूरा मामला कानपुर के कल्याणपुर थाने का है. एडिशनल कमिश्नर महेंद्र विक्रम सिंह जॉइंट कमिश्नर अमित मोहन व पारस नाथ यादव के पर आरोप है कि शनिवार रात इन अधिकारियों ने स्क्रैप लदा एक ट्रक रोका था. ट्रक को अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया. ड्राइवर ने गुहार लगाई कि उसके बेटे की मौत हो चुकी है. उसे घर जाने दिया जाए, लेकिन अफसरों ने उसका ट्रक नही छोड़ा.

दानवी मंशा वाले अफसरों द्वारा मजबूर किए जाने पर माल की हिफाज़त के लिये ड्राइवर बलबीर मबजूरी में वहीं रुके और केबिन में रात भर राेते रहे. बेटे के जाने के गम से गमगीन पिता की भी मौत हो गई. स्टेट जीएसटी की हिरासत में ही रोते-रोते किसी वक्त बलबीर ने भी दम तोड़ दिया. ये सारा दानवी कृत्य हो जाने के कई घंटे बीत जाने के बाद इसका पता कल रविवार दोपहर में चला तो GST विभाग में हड़कम्प मच गया.

वहीं बाप के मौत की खबर सुन कर बलवीर का दूसरा बेटा कानपुर आया. उस की तहरीर के आधार पर पुलिस ने GST अफसरों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा. गौर हो कि इतनी अमानवीय घटना को अंजाम देने के बाद भी स्टेट GST के हत्यारोपी भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं इस मामले को लेकर व्यापारी संगठन भी बेहद आक्रोशित हैं. सोमवार को व्यापारी संगठनों ने भी इस मामले को लेकर खूब हंगामा किया.

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