पूर्व CM डॉक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह का मामला आया सामने, EOW-ACB की क्लोजर रिपोर्ट के बाद फैसला

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन के प्रमुख सचिव की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को रायपुर की ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ईओडब्ल्यू-एसीबी (EOW-ACB) में आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बन सका. अदालत का फैसला एक लंबी जांच की परिणति का प्रतीक है. ईओडब्ल्यू-एसीबी के नेतृत्व में प्रक्रिया जो आरोपों को साबित करने में विफल रही. उनकी पत्नी डॉ. यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आरोप है.

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन के प्रमुख सचिव की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को रायपुर की ट्रायल कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ईओडब्ल्यू-एसीबी (EOW-ACB) में आय से अधिक संपत्ति का कोई मामला नहीं बन सका. अदालत का फैसला एक लंबी जांच की परिणति का प्रतीक है. ईओडब्ल्यू-एसीबी के नेतृत्व में प्रक्रिया जो आरोपों को साबित करने में विफल रही. उनकी पत्नी डॉ. यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आरोप है.

एफआईआर, 2020 की 09, पूर्व कांग्रेस के सीधे आदेश पर दर्ज की गई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आरटीआई कार्यकर्ता उचित के दावे पर आधारित शर्मा ने दंपति पर बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया था. तीन वर्षों में विस्तृत जांच के बावजूद, एफआईआर पकड़ में नहीं आई है. ईओडब्ल्यू को दावों का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं मिला, जिसके कारण यह हुआ है. क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना. गौरतलब है कि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई थी.

मौजूदा भाजपा सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ईओडब्ल्यू को अपने कब्जे में ले लिया था. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद की शपथ. कानूनी हलकों ने मामले पर गौर करते हुए कार्यवाही पर बारीकी से नजर रखी है. नौकरशाही की अखंडता और कानूनी जवाबदेही पर निहितार्थ. आपराधिक वकील और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी, जो अमन सिंह का प्रतिनिधित्व करते हुए, एफआईआर के पीछे के उद्देश्यों की खुले तौर पर आलोचना की है. इसे न्याय के बजाय राजनीतिक प्रतिशोध का एक उपकरण बताया. “भूपेश बघेल की सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार में से एक थी. इस देश ने पहले कभी प्रतिशोधी शासन व्यवस्था नहीं देखी है.

जेठमलानी ने कहा कि वे एक ईमानदार अधिकारी अमन सिंह को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए एफआईआर को हथियार बनाया गया और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह, जो एक प्रसिद्ध कलाकार हैं, उन्हें इससे गुजरने के लिए मजबूर कर रहे हैं. कई वर्षों तक परीक्षण और क्लेश एक अधिकारी की पत्नी को निशाना बनाना था. भूपेश बघेल के मानकों से भी नया निचला स्तर, हालाँकि, न्याय हुआ है, आख़िरकार अदालत ने उन्हें बरी कर दिया. इसी भावना को व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुनील कांग्रेस और भाजपा दोनों मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके कुमार ने चित्रकारी की. शासन पर राजनीतिक उत्पीड़न के प्रतिकूल प्रभावों पर ध्यान देना है.

Related Articles

Back to top button