बारात जा रहा दूल्हा, सड़क पर बैठ गया धरने पर, बोला- अब मैं तभी चढूंगा घोडी…

हल्द्वानी काठगोदाम हेड़ाखान मार्ग पिछले 1 महीने से बंद है और 120 गांव का संपर्क जिला प्रशासन से कटा हुआ है। काठगोदाम से 3 किलोमीटर ऊपर बहुत बड़ी मात्रा में भूस्खलन होने की वजह से सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित है।

हल्द्वानी काठगोदाम हेड़ाखान मार्ग पिछले 1 महीने से बंद है और 120 गांव का संपर्क जिला प्रशासन से कटा हुआ है। काठगोदाम से 3 किलोमीटर ऊपर बहुत बड़ी मात्रा में भूस्खलन होने की वजह से सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित है। क्षतिग्रस्त काठगोदाम-हैड़ाखान मोटर मार्ग का अभी हाल ही में पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख अभियंता एजाज अहमद ने विभागीय अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया था और आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य पहुंचे।

काठगोदाम – हैड़ाखान- सिमलिया बैंड मोटर मार्ग को खोलने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य आज भूस्खलन से बंद क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और स्थानीय लोग भी धरना स्थल पर पहुंचे और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सांकेतिक उपवास रखा। इस दौरान सड़क मार्ग बन्द होने के कारण वहां से पैदल गुजर रही एक बारात ने भी कांग्रेस के धरने का समर्थन किया और दूल्हा कांग्रेस के धरने प्रदर्शन में शामिल हो गया।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहा कि इस सड़क का निर्माण कांग्रेस कार्यकाल में ही हुआ है। और आज यहां की जनता का दुर्भाग्य है कि 1 महीने से भूस्खलन की वजह से मार्ग बंद है। 120 गांवों के सामने स्वास्थ्य एवं खाद्यान्न का संकट आ गया है। गांव से मंडी तक जाने वाली सब्जियां फल सड़ रहे हैं और सरकार सो रही है उन्होंने कहा कि आखिर सरकार वैकल्पिक मार्ग बनाने में भी नाकाम रही है। अगर जल्द से जल्द इस मार्ग को नहीं खोला गया तो ग्रामीणों के साथ मिलकर कांग्रेस और उग्र आंदोलन करेगी।

एजाज अहमद द्वारा विभागीय अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण में कहा था कि पहाड़ से मलबा लगातार गिर रहा है और मलबे में काफी नमी है। ऐसे में सड़क दोबारा से किस तरह से बनाई जा सकती है, इसको लेकर एक बड़ी एजेंसी से सर्वे कराने की बेहद जरूरत है, साथ ही उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर पूरी तरह से आवागमन बंद करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया था कि वैकल्पिक रास्ता जमरानी की तरफ से बनाया गया है लेकिन जमाने क्षेत्र में हो रहे खनन के चलते भारी वाहनों ने रास्ते को क्षतिग्रस्त किया है ऐसे में यदि लगातार भारी वाहन चले तो वैकल्पिक रास्ता ठीक तरीके से सुचारू नहीं हो पाएगा।

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