लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार मदरसों की जाँच को लेकर एक बार फिर एक्शन में आ गयी है। राज्य सरकार ने पहले ही गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की फंडिग की जाँच कराई थी और अब अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जाँच कराने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश में इस समय मान्यता प्राप्त और अनुदानित 4394 मदरसे हैं। जाँच की शुरुआत सरकार द्वारा अनुदानित 560 मदरसों से की जायेगी।
राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इसकी जाँच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार डॉ0 प्रियंका अवस्थी ने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा को पत्र लिखकर यूपी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा नियमावली 2016 के तहत मदरसों के मानकों की जाँच करने की सिफारिश की है।
लखनऊ
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) December 5, 2023
➡यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने लिखा पत्र
➡अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल को पत्र
➡मदरसों की जांच को स्थगित करने की करी मांग
➡अनुदानित,मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच स्थगित की मांग
➡जांच से मदरसों की पढ़ाई प्रभावित होने की संभावना-चेयरमैन
➡परीक्षा संबंधी कार्य… pic.twitter.com/4LavzJxOV4
जाँच को स्थगित करने को लेकर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ0 इफ्तिखार अहमद जावेद ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पत्र लिखा कि अभी मदरसों में पिछले वर्ष 2023 परीक्षा के कंपार्टमेट, सन्निरीक्षा परीक्षा केंद्रों पर अनुपस्थित अभ्यर्थियों के परीक्षाफल घोषित करने की कार्यवाही मदरसा, जनपद, परिषद मुख्यालय पर गतिमान है। मदरसों की जाँच से पढाई प्रभावित होने की संभावना है और परीक्षा संबंधी कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान सत्र 2023-24 की परीक्षा संबंधी कार्य भी मदरसा में किया जा रहा है जो कि छात्र- छात्राओं के भविष्य के दृष्टिगत महत्वपूर्ण कार्य है ऐसी परिषद की मंशा है कि परीक्षा भी अन्य बोर्डों के समान समय से करा ली जाये उक्त स्थिति में मदरसों के जाँच किये जाने से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है तथा परीक्षा संबंधी कार्य विलम्ब से किये जाने की दशा में संभव नहीं हो पायेगा क्योंकि सामान्य लोकसभा निर्वाचन भी जल्दी ही होना है।