देश में 1 जुलाई से लागू होंगे ये 3 नए क्रिमिनल लॉ, जानें कौन सा कानून है सबसे खतरनाक

1 जुलाई से ये तीनों नए आपराध‍िक कानून आपराधिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

डिजिटल डेस्क: केंद्र सरकार की ओर से तीनों नए आपराध‍िक तीनों नए कानून- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 आगामी 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे। इस मामले पर अधि‍सूचना शनिवार यानी 24 फरवरी को जारी किया गया है। ऐसे में 1 जुलाई से ये तीनों नए आपराध‍िक कानून आपराधिक प्रक्रिया संहिता, भारतीय दंड संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। इस नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसी घिनौनी हरकतों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है।

दरअसल, इस पूरे मामले पर सरकार ने शनिवार को कहा कि, “अंग्रेजी शासन काल के भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई से लागू कर दिए जाएंगे। इन 3 नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। नए कानूनों के लागू होने पर देश की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से बदल जाएगी।”

25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिली थी मंजूरी

गौरतलब है कि पिछले साल 21 दिसंबर को संसद में इन तीनों को पास किया गया था। जिसके बाद 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद इन्हें कानून बना दिया गया। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन नए कानूनों में धारा 106 (2) को लागू नहीं किया जाएगा। हाल ही में ट्रक ड्राइवरों से किये गए वादे ते तहत सरकार ने वाहन चालक द्वारा हिट-एंड-रन के मामलों से संबंधित प्रावधान धारा 106 (2) को लागू नहीं करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत इस धरा को नए कानून से हटा दिया गया था।

नए कानूनों में ये कानून है सबसे खतरनाक

मोदी सरकार के तरफ से पास किए गए नए कानूनों के तहत, अगर कोई भी व्यक्ति जानबूझकर, बोले गए या लिखे हुए शब्दों से, या संकेतों से, या वीडियो आदि द्वारा, या इलेक्ट्रॉनिक संचार द्वारा या वित्तीय साधनों के उपयोग से, या अन्यथा, अलगाव या सशस्त्र विद्रोह को भड़काता है या भड़काने का प्रयास करता है। विध्वंसक गतिविधियाँ, या अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को प्रोत्साहित करता है या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने या ऐसे किसी भी कार्य में शामिल होतो है तो उसे उम्रकैद या जेल भेजकर दंडित किया जाएगा। उसकी सजा को सात साल तक बढ़ाने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 

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