श्रीनगर की ऐतिहासिक संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों को जहां हेरिटेज बनाने की कवायद थी तो वहीं अब वो जानवरो के तबेले में बदल चुकी हैं. इसे शहर भर के सुअरों और जानवरों ने अपना बसेरा बना दिया है, वहीं रात होते ही यहां शराबियों ओर मनचलों का अड्डा लग जाता है.
यहां जगह-जगह शराब की बोतलें इस बात की तस्दीक करती हैं कि शाम होते ही संयुक्त अस्पताल के पुराने भवनों का क्या हाल होता होगा. इस बात को लेकर संयुक्त अस्पताल के कर्मियों ने अस्पताल प्रबंधन को अपनी शिकायत भी की है लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नही की गई है.
दरअसल, इस पुराने संयुक्त अस्पताल का निर्माण अंग्रेजो द्वारा किया गया था. शुरुआत में इसे अग्रेजो ने डिस्पेंसरी के रूप में स्थापित किया था वहीं आजादी के बाद इसे अस्पताल का रूप दे दिया गया. हालांकि अब नए अस्पताल के बन जाने के कारण इन बिल्डिंगों की तरफ किसी का ध्यान नही जा रहा है.
बता दें कि, श्रीनगर की संयुक्त अस्पताल ऐतिहासिक होने के चलते सरकार इसे हेरिटेज बना रही थी लेकिन अब यहां अस्पताल के डॉक्टरों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है. अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन लोकेश सलूजा का कहना है कि पुराने अस्पताल में सुअरों ओर जानवरों ने अपना आशियाना बना दिया है.
उन्होंने कहा कि रात होते ही शरारती तत्व यहां उत्पात मचाते रहते है जिसके चलते अस्पताल के बगल में कर्मियों के रेजिडेंट में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही ऐतिहासिक बिल्डिंग की हालत भी चरमरा गई है. वहीं इस पूरे मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ गोविंद पुजारी ने बताया कि इस सम्बंध में वहां अतिरिक्त गार्डों की तैनाती की जा रही है.
उन्होंने ये भी बताया कि पुराने अस्पताल को हेरिटेज बनाने का मामला उनके सज्ञान में नही है लेकिन वहां डॉक्टरो के रहने के लिए भवनों का निर्माण किया जाना था जिसको लेकर विभाग में पत्रावलियों भेजी गई है.