भक्तों के साथ गर्मी से परेशान हुए भगवान, AC और कूलर बना सहारा

मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और एसी लगाए जाने को लेकर श्रद्धालुओं का कहना है कि उनके आराध्य भगवान हमेशा उनके मनोभाव में रहते है. जब उन्हे दुःख और सुख की अनुभूति होता है तो उनके आराध्य साथ होते है. ऐसे में अब इस भीषण गर्मी से हम तो एसी और कूलर में रह लेते है लेकिन मंदिर में भगवान गर्मी में तपते है.

रिपोर्ट : नीरज जायसवाल (वाराणसी)

वाराणसी. कहते है भक्त और भगवान का मन का जुड़ाव होता है, यही वजह है कि भक्त अपने अनुसार अपने आराध्य की सेवा करता है. ऐसे ही कुछ नजारा धर्म की नगरी काशी में देखने को मिल रही है. भीषण गर्मी से अपने आराध्य और भगवान को राहत देने के लिए भक्तों ने मंदिरों में एसी और कूलर लगवा दिया है. यही नही हिट बेव से भगवान को बचाने के लिए हल्के सूती कपड़े को भी पहनाया है. यह देख भले ही आपके मन में कई सवाल हो रहे होंगे, लेकिन काशी में भक्त और भगवन के बीच आस्था का कुछ ऐसी ही डोर जुड़ी है.

44 डिग्री के पार हुआ वाराणसी का तापमान

वाराणसी में इन दिनों भीषण गर्मी से मनुष्य के साथ जीव -जंतुओं का बुरा हाल है. अपने रिकॉर्ड लेवल पर भीषण गर्मी ने सभी को परेशान कर रखा है. गर्मी का आलम यह है कि तापमान 44 डिग्री के पार चला गया है. जिसकी वजह से आम जनजीवन काफ़ी प्रभावित हुआ है. तापमान के बढ़ने से लोग गर्मी से निजात पाने के लिए एसी , कूलर, पंखे के साथ पेय पदार्थो का सहारा ले रहे है. वही काशी में अपने आराध्य देवता को भी श्रद्धालु भीषण गर्मी से बचाने के लिए एसी, कूलर और पंखे की व्यवस्था कर रहे है. काशी के तमाम मंदिरों के गर्भ गृह में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए भक्तो ने एसी, कूलर और पंखे की व्यवस्था कर रखी है.

जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी

मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कूलर और एसी लगाए जाने को लेकर श्रद्धालुओं का कहना है कि उनके आराध्य भगवान हमेशा उनके मनोभाव में रहते है. जब उन्हे दुःख और सुख की अनुभूति होता है तो उनके आराध्य साथ होते है. ऐसे में अब इस भीषण गर्मी से हम तो एसी और कूलर में रह लेते है लेकिन मंदिर में भगवान गर्मी में तपते है.

यही वजह है कि अपने आराध्य भगवान को भीषण गर्मी से बचाने के लिए एसी, कूलर और पंखे की व्यवस्था की गई है. वही मंदिर के पुजारी रामचंद्र तिवारी ने बताया कि जिस प्रकार इंसान को गर्मी और ठंड लगता है, उसी प्रकार भगवान को भी इसकी अनुभूति होती है. यही वजह है कि गर्मी के दिनों में एसी,कूलर और पंखे की व्यवस्था की जाती है, तो वही ठंड में भगवान के लिए ऊनी वस्त्र और गर्म कपड़े भी पहनाए जाते है.

पुजारी कहते है कि “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”. अर्थात आप जिस तरह रहते है और जिस प्रकार की भावना रखते है, आपके भगवान व आराध्य वैसे ही स्वरूप में देखते है. ऐसे में भीषण गर्मी के बीच भक्तो को भी भगवान गर्मी में परेशान दिख रहे है, जिसे लेकर मंदिरों में यह व्यवस्थाएं की गई है.

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