कौन है वो कांग्रेस नेता जिसने ‘खुद को ही मान लिया कानून…? अब सुप्रीम कोर्ट ने की बड़ी टिपण्णी

कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, "CBI पहले से जांच कर रही है। वह दूसरे लोगों की भूमिका की भी जांच कर 3 महीने में रिपोर्ट पेश करे।

उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई की मंजूरी देना भारी पड़ता नजर आ रहा है। बुधवार यानी 6 मार्च को इस मामले पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायधीश ने हरक सिंह को कड़ी फटकार लगाई है। इस दौरान उन्होंने पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद को भी जमकर सुनाया। इस बीच कोर्ट ने सीबीआई के लिए भी दिशानिर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “CBI पहले से जांच कर रही है। वह दूसरे लोगों की भूमिका की भी जांच करे और 3 महीने में कोर्ट के सामने स्टेटस रिपोर्ट पेश करे।

जिम कॉर्बेट पार्क में अब बनेगी सफारी

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति का गठन किया है जो की देश में राष्ट्रीय उद्यानों के बफर जोन या इससे बिल्कुल सटे इलाके में टाईगर सफारी बनाने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं इसपर ध्यान देगा। सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट पार्क में सफारी बनाने की अनुमति दे दी है लेकिन ये साफ किया है कि समिति की सिफारिश इस पर भी लागू होगी।

आप लोगों ने खुद को ही कानून मान लिया था- सुप्रीम कोर्ट

इस बीस अदालत ने कहा कि हरक सिंह रावत और किशन चंद ने मानों जैसे खुद को ही कानून मान लिया था। इन लोगों ने अपने पद का हालत इस्तेमाल करते हुए नियमों के खिलाफ काम किया है। दोनों ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बड़ी संख्या में पेड़ कटवाए। ग़ैरहाल कोर्ट ने बाघ संरक्षण के लिए कई निर्देश जारी करते हुए कोर क्षेत्र में सफारी पर रोक लगा दी है। हालांकि परिधीय और बफर क्षेत्रों में इसकी अनुमति दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई में कोर्ट ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत की मंजूरी पर नाराजगी जतातेहुए कहा कि मंत्री की मंजूरी के अलावा और भी कई लोग अवैध निर्माण मे जरूर शामिल होंगे। साथ ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पेड़ों की कटाई पर भी कोर्ट ने सख्ती दिखाई। कोर्ट ने दोनों को फटकार लगाते हुए कहा कि, “हरक सिंह रावत और पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद ने लोगों के भरोसे को तोडा है। मानों जैसे उन्होंने लोगों के भरोसे की तिलांजलि ही दे दी हो।

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