पटना- बिहार में आज का दिन राजनीतिक दलों के लिए काफी खास है, एक बार फिर से नीतीश कुमार को अग्निपरीक्षा का सामना करना पड़ रहा है. बिहार में फ्लोर टेस्ट होने वाला है.इसके मद्देनजर बिहार पुलिस मुख्यालय ने पूरे बिहार में अलर्ट जारी किया है. सोमवार शाम तक पूरे राज्य में विशेष चेकिंग अभियान जारी रहेगा.
बिहार में एनडीए सरकार के पास 128 विधायकों का समर्थन है. आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. जेडीयू का दावा है कि सभी विधायक फ्लोर टेस्ट में रहेंगे.
फ्लोर टेस्ट क्या है,जिसमें साबित करना होगा बहुमत
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट बहुमत साबित करना होगा. बता दें कि फ्लोर टेस्ट में विधायक दो भाग में बंट जाएंगे. पक्ष के अलग और विपक्ष के अलग.इनकी संख्या गिनी जाएगी कि किधर ज्यादा हैं. अगर सत्ता पक्ष के विधायकों की संख्या बिहार विधानसभा की कुल क्षमता 243 के दो तिहाई, यानी 122 या ज्यादा रही तो सरकार कायम रहेगी.अगर यह संख्या 122 से नीचे रही तो सरकार गिर जाएगी.
चलिए फ्लोर टेस्ट के लिए क्या समीकरण होना चाहिए वो भी बता देते हैं…दरअसल, बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. और बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है. महागठबंधन के पास आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायकों को मिलाकर 114 विधायकों का समर्थन है. यानी उनके पास बहुमत से 8 वोट कम हैं. जबकि नीतीश की अगुवाई वाले एनडीए के पाले में बीजेपी के 78, जेडीयू के 45, हम के 4 और एक निर्दलीय हैं. यानी उसे 128 विधायकों का समर्थन हासिल है जो बहुमत के आंकड़े से 6 ज्यादा हैं. पर अब देखने वाली बात ये है कि फ्लोर टेस्ट में क्या कमाल होता है.