लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को लखनऊ ग्रीन कारीडोर प्रोजेक्ट की बैठक आहूत की गई। इस दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक में नगर निगम व अपट्रान की दो हेक्टेयर भूमि को मानिटाइजेशन हेतु उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में विचार किया गया। अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि अभी भी उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। इस पर मुख्य सचिव द्वारा इसके लीगल इश्यू का परीक्षण कराने के लिए विशेष सचिव नगर विकास, नगर आयुक्त व उपाध्यक्ष, लविप्रा की समिति गठित करने के निर्देश दिये गये।
इसके अलावा माढरमऊ गांव में स्थित सिंचाई विभाग की दो हेक्टेयर भूमि के सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि सिंचाई विभाग इसका पुनः निरीक्षण कर लें तथा अपनी वर्कशाॅप की आवश्यकता को मद्देनजर रखते हुए उसे किसी अन्य स्थान पर स्थानान्तरित करें और भूखण्ड को एलडीए को हस्तान्तरित करने के सम्बन्ध में अपनी सहमति प्रदान करें। नजूल विभाग की 12 हेक्टेयर भूमि के सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा कहा गया कि शासन द्वारा उक्त भूमि का नियमानुसार परीक्षण करके लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तान्तरित करने की आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जाये।
मुख्य सचिव द्वारा परियोजना हेतु अधिकतम धनराशि प्राप्त किये जाने के उद्देश्य से उपलब्ध होने वाली भूमियों को विकसित कर मोनेटाइजेशन किये जाने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि परियोजना के प्रथम चरण का कार्य शीघ्र प्रारम्भ करने के लिए आवश्यक सीड मनी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। बैठक में अपर मुख्य सचिव-गृह अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, सचिव नगर विकास अनिल कुमार, मण्डलायुक्त रंजन कुमार एवं प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।