लखनऊ नगर निगम हुआ पेपरलेस – अब सिटीजन्स डिजिटली शिकायत दर्ज करा सकेंगे

लखनऊ नगर निगम ने अब डिजिटल इंडिया का जिम्मा अपने ऊपर उठाया है। इस अद्भुत कदम के चलते जल्द ही नगर निगम पेपरलेस हो जाएगा। कहने का अर्थ यह है कि अधिकारियों के आदेश निर्देश डिजिटली जारी होंगे, साथ ही साथ फाइलें भी डिजिटल हो जाएँगी और सिविल कार्यों के एस्टीमेट भी डिजिटल बनेंगे। नगर आयुक्त ने इसके लिए प्रयास शुरू किया है।

लखनऊ नगर निगम ने अब डिजिटल इंडिया का जिम्मा अपने ऊपर उठाया है। इस अद्भुत कदम के चलते जल्द ही नगर निगम पेपरलेस हो जाएगा। कहने का अर्थ यह है कि अधिकारियों के आदेश निर्देश डिजिटली जारी होंगे, साथ ही साथ फाइलें भी डिजिटल हो जाएँगी और सिविल कार्यों के एस्टीमेट भी डिजिटल बनेंगे। नगर आयुक्त ने इसके लिए प्रयास शुरू किया है।

साथ ही साथ, नवाबों के शहर में आम जनमानस को बुनियादी सुविधाएँ देने के लिए लखनऊ नगर निगम द्वारा एक नई पहल की गई है, जिसमें नाले-नालियों की नियमित साफ-सफाई, समुचित मार्ग व्यवस्था, हरियाली और पार्क का विकास और अनुरक्षण, मार्ग प्रकाश, पेयजल की व्यवस्था कराना नगर निगम का सर्वोच्च दायित्व है। इस हेतु दिनाँक 31.05.2022 से 02.06.2022 तक शहर में 3 दिवसीय विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है।

इसकी जानकारी खुद नगर निगम ने देश के अपने सोशल माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म, कू के माध्यम से दी है। पोस्ट किए गए दो कूज़ में से पहले में कहा गया है:

नगर निगम लखनऊ निकाय कोड- 800951डिजिटल इंडिया के तहत लखनऊ नगर निगम एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहा है। नगर निगम द्वारा समस्त विभागीय कार्यों को डिजिटलाइज किये जाने की रणनीति तैयार कर ली गयी है।

वहीं एक अन्य पोस्ट के माध्यम से कहा गया है:

नगर निगम लखनऊ

मा0 राष्ट्रपति महोदय एवं मा0 प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार द्वारा थर्ड जीबीसी (ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी) पर लखनऊ आगमन के दृष्टिगत नगर को स्वच्छ बनाने व व्यवस्थित करने के उद्देश्य से दिनाँक 31.05.2022 से 02.06.2022 तक 3 दिवसीय विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।

लखनऊ नगर निगम अपने प्रोजेक्ट और फाइलिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए एफएपीएमएस सॉफ्टवेयर सिस्टम से काम करने जा रहा है। इस कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रणाली से नगर निगम अपनी प्रोजेक्ट फाइल को ऑटोमेट और व्यवस्थित करेगा। सिविल कार्यों के एस्टीमेट भी स्वत: जनरेट हो जाएँगे।

अगर किसी सीसी रोड का निर्माण होना है, तो सिर्फ रोड की लंबाई और चौड़ाई का विवरण देने पर ही सॉफ्टवेयर में पहले से मौजूद संबंधित मानक दरों के आधार पर सीसी मार्ग का पूरा एस्टीमेट तैयार कर देगा। सॉफ्टवेयर के जरिए प्रोजेक्ट फाइल के सृजन से लेकर भुगतान तक पारदर्शी व्यवस्था बनेगी। इससे न केवल निगम का कार्य सही ढंग से होगा, बल्कि निगम के धन का बेहतर उपयोग तथा कार्यों का समयबद्ध निस्तारण होगा।

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