मेरठ सीट या सियासी अखाड़ा! यहां से फिर बदलेगा प्रत्याशी, अब सुनीता संभालेंगी मोर्चा…

मिली जानकारी के अनुसार अब उनकी जगह पर सपा ने सुनीता वर्मा को टिकट दिया है। जिनका पति योगेश वर्मा कई मामलों में वांछित चल रहा है।

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान में अब कुछ ही दिन शेष हैं। वहीं अब दूसरे चरण को लेकर भी नामांकन शुरू हो गया है। इस बीच UP के हॉट सीटों पर उम्मीदवारों के चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी में जबरदस्त घमासान देखने को मिल रहा है।

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुरादाबाद के बाद रामपुर और अब मेरठ सीट सपा खेमे में सियासी अखाड़ा बन चुका है। दरअसल, मेरठ सीट से पूर्व सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान का टिकट कटने के बाद उन्होंने पहले तो ताव में आकर अपने विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दिया। जिसके बाद सियासी गलियारों में कयास लगने लगा कि वो विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज सकते है। मगर रात गई तो बात गई वाली कहावत सच करते हुए उन्होंने बड़ी ही चालांकि से रात की बयान से पलटी मारते हुए लोगों को चौंका दिया।

दरअसल, अब उनका कहना है कि जैसा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कहेंगे उनके फैसले का वो स्वागत करेंगे।

बता दें, कल रात जब अतुल प्रधान का टिकट कटने की खबर उनके तक पहुंची, तो वो गुस्से से गर्म तो दिखें मगर सुबह तक ठन्डे भी पड़ गए। जी हां, उन्होंने इसके बाद मीडिया से बात करते हुए अपने इस्तीफे के पेशकश का ऐलान कर दिया। जिसके बाद सबको लगा की अब सपा से उनका जाना तय है। वो कभी भी अपना इस्तीफा दे सकते हैं। मगर गुरुवार यानी 4 अप्रैल के सुबह 9 बजे के करीब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए जबरदस्त पलटी मारी।  

उन्होंने पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव के फैसले का स्वागत करने की बात कर दी। खैर, ये तो रही बात अतुल प्रधान कि अब सवाल उठता है कि मेरठ से प्रधान नहीं तो कौन…?

मिली जानकारी के अनुसार अब उनकी जगह पर मेरठ सीट से सपा ने योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा को टिकट दिया है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि अखिलेश के इस नए प्रत्याशी के पति योगेश वर्मा कई मामलों में वांछित चल रहा है। अब सियासी जानकारों की मानें तो, प्रधान जैसे प्रत्याशी के बदले सुनीता जैसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारना महंगा पड़ सकता है। अगर देखा जाए तो उनका यह हाल सिर्फ मेरठ में ही नहीं बल्कि मुरादाबाद में भी देखने को मिला था। जहाँ से उन्होंने पहले तो एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया मगर फिर जेल में बंद आजम खान के दबाव में अपना फैसला बदलते हुए रुचि वीरा को टिकट दे दिया। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा की सपा चीफ अखिलेश के इस टिकट देने और फिर काटने वाले खेल का अंत कैसे होगा और इसका पार्टी पर चुनाव में क्या असर पड़ेगा…?  

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